#जिस NASH PUMP की खरीद को 2013 में अलोक कुमार ने रोका,उसको 2018 में खरीदेगा बीएस तिवारी.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विद्युत् उत्पादन निगम के भ्रष्टाचारी निदेशक बीएस तिवारी के ईश्क का जादू पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार सहित अन्य के सर चढ़कर किस कदर बोल रहा है इसका अंदाजा NASH VACUUM PUMP की सप्लाई करने वाली कम्पनी के उत्साह से लगाया जा सकता है. अभी जहां NASH VACUUM PUMP के खरीद की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई थी लेकिन कंपनी का आत्म विशवास इतना कि उसने इन पम्पों को पहले ही खरीद कर रख लिया.
“ताज्जुब की बात तो यह है कि इस मसले पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है, और न ही चेयरमैन आलोक कुमार इस पूरे प्रकरण की जांच कराने अथवा कोई कार्यवाही करने के मूड में दिख रहे हैं. जबकि NASH VACUUM PUMP की खरीद का यह तानाबाना उन्हीं अलोक कुमार के नाक के नीचे बुना जा रहा है, जिसको उनकी अध्यक्षता में वर्ष 2013 में गठित गवर्निंग बाडी ने रोक लगा रखा है.
ताजा जानकारी के मुताबिक़ बीएस तिवारी के NASH VACUUM PUMP की खरीद के खेल से मोटा वारा-न्यारा करने की तैयारी में शामिल इनकी कृपापात्र कंपनी क्रिश इस डील को लेकर इस कदर आश्वस्त है कि इसके लिए उसने नैश पम्प की सप्लाई देने के लिए एडवांस में पम्प भी मंगा लिया है जबकि अभी उसको सप्लाई आर्डर भी नहीं मिला.
एडवांस में पम्प मंगाने के पीछे वजह यह भी है कि अमूमन बिजली बिभाग में बिल के भुगतान में देरी होती है लेकिन इंश्योरेंस स्पेयर के केस में बिल का भुगतान तुरंत किये जाने का प्रावधान है और इसके लिए एक रिजर्व फंड होता है. इस तरह बीएस तिवारी की पूरी कवायद खरीद प्रक्रिया पूरी कर जल्द भुगतान कराने की है. जानकारों की मानें तो “अफसरनामा” द्वारा NASH VACUUM PUMP खरीद की खबर चलाये जाने से बीएस तिवारी सहित खरीद से जुड़े इस पूरे सिंडिकेट को करीब 30 से 40 लाख का नुकसान हुआ है जिसको लेकर बीएस तिवारी और क्रिश कंपनी के मालिक समेत अन्य अभी भी खरीद प्रक्रिया को मैनेज करने अथवा ठन्डे बस्ते में डालने की कोशिश में लगे हुए हैं.
इसके अलावा टेंडर में खेल करने वाले बीएस तिवारी मेसर्स श्यामा बिल्ड्कान को फर्जी अनुभव व हैसियत प्रमाण पत्र होने के बावजूद करोड़ों का काम दिया. श्यामा बिल्ड्कान को जांच में दोषी पाए जाने के बाद ब्लैक लिस्ट करने की फाईल बीएस तिवारी के पास अभी भी लंबित है. चूंकि कंपनी श्यामा बिल्ड्कान कम्पनी बीएस तिवारी के किसी कथित रिश्तेदार की है, इसलिए उसको ब्लैकलिस्ट नहीं किया जा रहा है और फाईल को दबाये हुए हैं.”
पूर्व में हरदुआगंज काण्ड के लिए आरोपी बीएस तिवारी पर केस चलाने को लेकर जहाँ पिछली सरकार में प्रमुख सचिव श्रम अनिता भटनागर के लिखे गए पत्र पर कार्यवाही करने के बजाय तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल ने उनको बचाने का काम किया और मजिस्ट्रेटी जांच पर विभागीय जांच बैठाकर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया, वहीँ अब कुछ इसी तरह का काम योगी सरकार में बिजली विभाग के वर्तमान चेयरमैन अलोक कुमार कर रहे हैं. अलोक कुमार की नाक के नीचे बैठकर बीएस तिवारी कारनामे पर कारनामे किये जा रहा है और प्रकरण की जानकारी होने के बावजूद अलोक कुमार जांच की बात कहकर मामले को टालते जा रहे हैं और शुचिता व ईमानदारी का राग अलापने वाली पार्टी की तरफ से भी इस पूरे मसले पर चुप्पी है जबकि मामला विभागीय मंत्री के संज्ञान में है.
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