# दिल्ली सरकार कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष डीएन सिंह हुए एसोसिएशन से सस्पेंड.
#केजरीवाल के बयान के बाद बातचीत से गतिरोध ख़त्म करने की बात कही थी डीएन सिंह ने.
#दिल्ली सरकार के अधिकारियों का ज्वाईंट फोरम आज भी सीएम की लिखित माफ़ी की मांग पर कायम.
अफसरनामा ब्यूरो
दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई कथित मारपीट के मामले पर करीब पंद्रह दिन बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अगर हमें पिटवाना होता तो मैं इतना बेवकूफ नहीं कि अपने घर बुलाकर किसी को पिटवाऊं. केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को एक षड्यंत्र बताया और कहा कि हमारे ख़िलाफ़ पिछले 3-4 साल से षड्यंत्र चल रहे हैं. केजरीवाल का कहना था कि ‘ये जो आरोप लगाया गया है कि मारा पीटा….केजरीवाल ज़िद्दी हो सकता है, हिंसात्मक नही हो सकता. हिंसा कभी नहीं करेंगे हम लोग मारपीट कायर लोग करते हैं. केजरीवाल कायर नहीं है हम कभी मारपीट नही करेंगे.’
अरविंद केजरीवाल के इस बयान के समय मुख्य सचिव के साथ मारपीट के मामले को लेकर एलजी से शिकायत करने वाले और सबसे पहले केजरीवाल के ख़िलाफ़ झंडा बुलंद कर हड़ताल की घोषणा करने वाले दिल्ली सरकार कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष डीएन सिंह भी इस बैठक में मौजूद रहे. अपने रुख में नरमी दिखाते हुए डीएन सिंह ने कहा कि ‘बातचीत ही सबसे बढ़िया ज़रिया है इस खींचतान को खत्म करने का. अधिकारियों में फूट की खबर फैलते ही अधिकारियों के जॉइंट फोरम ने बयान जारी करके कहा कि ‘फोरम पूरे तरह से एक है और ऐसे लोगों की कड़ी निंदा करता है जो ऐसे बात फैला रहे हैं कि फोरम ने अपना स्टैंड कुछ बदला या हल्का किया है. फोरम आज भी सीएम की लिखित माफ़ी की मांग पर कायम है.’ इसी के साथ ही केजरीवाल के पक्ष में अफसरों के स्टैंड बदलाव लाने की बात कहने वाले दिल्ली सरकार कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष डीएन सिंह को एसोसिएशन से सस्पेंड कर दिया गया.