अफसरनामा ब्यूरो
दिल्ली : सोनिया गांधी के आमंत्रण पर रात्री भोज में एकत्रित विपक्ष ने यह साबित कर दिया कि यह विपक्ष का डर का डिनर है. कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी बेटे राहुल को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के बाद अब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट कर भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकने की रणनीति बनाने में जुट गयीं हैं. मंगलवार को सोनिया गाँधी ने भाजपा विरोधी दलों को डिनर का न्योता दिया. कांग्रेस सहित कुल 20 पार्टी के नेताओं ने इस डिनर पार्टी में हिस्सा लिया. हालांकि कुछ लोग इसको डर का डिनर बताने लगे. डिनर के बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजेस्वी यादव ने इस डिनर पार्टी को दोस्ताना बैठक करार देते हुए कहा कि केंद्र में इस समय तानाशाह सरकार है और हम लोग इसको हटाने पर चर्चा किये. डिनर पार्टी के बाद राहुल गाँधी ने ट्वीट किया कि इस डिनर में विपक्ष के नेताओं को आपस में मुलाकात का मौका मिला और नेताओं के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं. उन्होंने आगे लिखा कि इस दौरान काफी राजनीतिक बातें हुईं, लेकिन इससे महत्वपूर्ण यहां सकारात्मक ऊर्जा, गर्मजोशी और सच्ची दोस्ती और लगाव देखने को मिला.
सोनिया गांधी की इस डिनर पार्टी में शामिल नेताओं में समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, एनसीपी से शरद पवार, राजद से तेजस्वी यादव और मीसा भारती, नेशनल कॉन्फ्रेंस से उमर अबदुल्ला, झारखंड मुक्ति मोर्चा से हेमंत सोरेन, सीपीआई से डी राजा, रालोद से अजित सिंह, सीपीएम से मोहम्मद सलीम, डीएमके से कनिमोझी, बीएसपी से सतीश मिश्रा, जेवीएम से बाबूलाल मरांडी, आरएसपी से रामचंद्र, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी, जेडीएस से डॉ. के रेड्डी, एआईयूडीएफ से बदरुद्दीन अजमल, तृणमूल कांग्रेस से सुदीप बंदोपाध्याय, आईयूएमएल से कुट्टी, केरल कांग्रेस के जोश के मनी, हिंदुस्तान ट्राइबल पार्टी के शरद यादव और कांग्रेस के तमाम नेताओं में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, मनमोहन सिंह, एके एंटनी, रणदीप सुरजेवाला, अहमद पटेल आदि शामिल रहे.