दिल्ली : भारत के चुनावी इतिहास के पिछले तीन दशकों में, लोकसभा में पार्टी, राज्यों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों की कुछ मजबूत आवाजें थीं जोकि 17 वीं लोकसभा में अब वह आवाजें नहीं सुनी जाएगी. इनमें प्रमुख हैं भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, हुकुमदेव नारायण यादव, लोकसभा के पूर्व कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके डिप्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम प्रमुख रूप से शामिल है.