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डिप्टी कलक्टर बन बाप का कीर्तिमान छू डाला 35 साल बाद बेटे ने, बेटी भी बनी पीसीएस

आईएएस जेबी सिंह, बिटिया कृतिका सिंह और बेटा कार्तिकेय सिंह

अफसरनामा ब्यूरो

लखनऊ : “बाढ़ैं पुत्र पिता के धर्मे, खेती उपजे अपने कर्मे” वर्षों से चली आ रही इस कहावत को चरित्रार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश में 35 साल बाद बेटे ने बाप का कीर्तिमान छू लिया है. सूबे के वरिष्ठ आईएएस अफसर जीतेन्द्र बहादुर सिंह (जेबी सिंह) के बेटे कार्तिकेय सिंह ने यह कारनामा कर दिखाया है.

जिस सेवा में टाप कर 35 साल पहले 1986 में जेबी सिंह सूबे के डिप्टी कलक्टर बने थे आज बेटे ने वही मुकाम हासिल कर दिखाया है. वहीं जेबी सिंह की बेटी कृतिका सिंह का भी चयन पीसीएस में पहले ही हो चुका है. बेटे कार्तिकेय ने बीते हफ्ते आए परीक्षा परिणाम में यह सफलता हासिल की है तो बेटी कृतिका ने 2017 में ही पीसीएस परीक्षा में सफल हो ट्रेजरी आफिसर का पद हासिल कर लिया था.

आज के बदलते परिवेश में एक पिता के लिए इससे बड़ा और सुखद क्षण क्या हो सकता है जब उसके बच्चे अपनी मेहनत व लग्न से अपनी जिंदगी में एक बड़ा मुकाम हासिल करने में कामयाब हो जाएँ. उत्तर प्रदेश के काबिल और तेजतर्रार अफसरों में शुमार जेबी सिंह के बेटे और बेटी की यह कामयाबी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुयी है.

उत्तर प्रदेश की अफसरशाही में अपनी एक अलग पहचान के लिए मशहूर सरल व सुलझे जेबी सिंह की बिटिया कृतिका सिंह ने पीसीएस 2017 बैच हासिल कर ट्रेजरी अफसर बनी और वर्तमान में वित्तीय प्रबंध संस्थान लखनऊ में प्रशिक्षण में हैं. इसके अलावा अभी चंद दिन पहले घोषित पीसीएस के परीक्षा परिणाम में सफलता हासिल कर श्री सिंह के सुपुत्र कार्तिकेय सिंह डिप्टी कलेक्टर 2019 बैच हासिल किया है.

गौरतलब है कि जेबी सिंह पीसीएस और पीएफएस दोनों में टॉपर रहे हैं. उन्हें आईएफएस की दो साल के प्रशिक्षण के बाद पूर्वोत्तर प्रदेश में तैनाती मिल रही थी जिसे छोड़कर उन्होंने पीसीएस संवर्ग में आना बेहतर समझा. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लम्भुआ ब्लाक के बड़ागांव के रहने वाले जेबी सिंह का पीसीएस में सेलेक्शन वर्ष 1986 में हुआ था और प्रदेश मुख्यालय सहित विभिन्न जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के बाद उन्हें आईएएस कैडर मिला.

गोंडा और इटावा जैसे जिलों के जिलाधिकारी रहे जेबी सिंह वर्तमान में सचिव पीडब्ल्यूडी हैं. हंसमुख व मिलनसार स्वभाव के श्री सिंह अपने सेवाधर्म के साथ ही साथ अपने पिता के धर्म को निभाने में कामयाब रहे हैं और उनके इस मार्गदर्शन और संस्कार का ही परिणाम रहा है कि आज उनके दोनों बच्चे अपने कैरियर में कामयाब हो पाए हैं.

हांलांकि आज के परिवेश में सरकारी महकमों में सेवारत रहते हुए अपनी संतान की देखभाल और उन्हें सुसंस्कृत कर सही मुकाम हासिल करने की प्रेरणा देना हर किसी के लिए आसान नहीं है. लेकिन सूबे के PWD विभाग के सचिव ने यह कर दिखाया है. जेबी सिंह के बेटे और बेटी की इस सफलता पर उनके संवर्ग के अधिकारियों सहित शुभचिंतकों का कहना है कि “Worthy Son of A Worthy Father.”

afsarnama
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