#मुख्य सचिव का आदेश, अब जनता की शिकायत पर आरोपी अधिकारी की जांच उससे एक स्तर उपर के अफसर करेंगे
# अब खुद के खिलाफ जनता की शिकायतों की जांच नहीं कर पायेंगे अफसर
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : यूपी के अफसर वाकई कमाल के हैं. तमाम मामलों में जिन अफसरों के खिलाफ जनता की शिकायतें ऊपर पहुँचीं उन्हीं को जांच मिल गयी और उन्होंने ही अपने खिलाफ बढ़िया जांच रिपोर्ट बनाकर ऊपर भेज दी. सरकारी अफसरों का यह घालमेल जब मुख्य सचिव राजीव कुमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने ऐसे अफसरों को फटकारते हुए सख्त निर्देश जारी किया है. मुख्य सचिव ने हिदायत दी है कि यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने अपने खिलाफ हुई जांच की रिपोर्ट भेजी तो उसे सस्पेंड किया जाएगा और डिपार्टमेंटल एक्शन भी होगा.
मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सूबे के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों, सभी कार्यालयों के अध्यक्षों, सभी मंडल कमिश्नरों और जिलाधिकारियों को इस बाबत एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि शासन के संज्ञान में आया है कि आईजीआरएस पोर्टल में मिल रही लोगों की कुछ शिकायतों को उन्हीं अफसरों और कर्मचारियों को जांच के लिए भेज दिया जाता है जिनके खिलाफ शिकायत होती है. ऐसे में शिकायतों का निपटारा निष्पक्ष रूप से संभव नहीं है. राजीव कुमार के अनुसार नैसर्गिक न्याय, निष्पक्षता जल्दी से शिकायतों का निपटारा शासन की प्राथमिकता में है ऐसे में जरूरी है कि सम्बंधित अधिकारी जिसके खिलाफ शिकायत है की जांच कम से कम उससे एक स्तर उपर के अधिकारी को सौंपी जाय और जांच अधिकारी द्वारा सम्बंधित अधिकारी से उसका पक्ष लिया जा सकता है.
मुख्य सचिव ने अपने आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी दशा में आरोपी अफसर या कर्मचारी अपने खिलाफ स्वयं जांच रिपोर्ट नहीं भेजेगा. और यदि ऐसा पाया जाता है तो सम्बंधित अधिकारी, कर्मचारी का निलंबन करते हुए उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी.