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उपेक्षा, अपमान ने ढकेला प्रोन्नत आईएएस अफसरों को अलग राह पर

#पीसीएस सेआईएएस बने अफसरों ने बनाया “प्रोन्नत आईएएस मंच” नाम से अलग संगठन.

अफसरनामा ब्यूरो

लखनऊ : मान-सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए बनाया आईएएस प्रोन्नत मंच, यह कहना है मंच के संयोजक उमेश प्रताप सिंह का. अपने संवर्ग के प्रमोटी अफसरों  को कदम कदम पर कमतर होने का अहसास कराने के चलते आज प्रदेश की सबसे ताकतवर संस्था आईएएस एसोसिएशन को दो फाड़ कर दिया है. सीधी भर्ती के आईएएस अफसरों के रवैये के कारण एसोसिएशन के एक बड़े हिस्से ने अपना अलग संघ बना लिया है. पीसीएस रहते हुए अपने संवर्ग के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करनेवाले और नौकरी के दौरान क्षेत्र में विषम परिस्थितियों से लड़कर पार पाने वाले अफसरों ने अब खुद को आईएएस एसोसिएशन से अलग कर प्रोन्नत आईएएस मंच के नाम से अपना अलग एसोसिएशन बना लिया है. हमेशा समझौता नहीं संघर्ष को वरीयता देने वाले इन 180 प्रमोटी आईएएस अफसरों के मुखिया और अन्य पदाधिकारियों की जानकारी जल्द ही घोषित की जायेगी फिलहाल नए संघ के बैनर तले उमेश प्रताप सिंह की अगुवाई में ये अफसर चलेंगे.

विगत वर्ष आईएएस वीक के पहले दिन”गौवंश के संरक्षण पर प्रजेंटेशन” को लेकर जब अफसरों की आपसी गुटबाजी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उभरकर सामने आई तब सीएम ने अफसरों को  नसीहत देते हुए कहा कि अधिकारी जनता का बल बनें, बला नहीं. इसके अलावा विगत वर्ष हुए पीसीएस से आईएएस अफसरों के प्रमोशन को लेकर तमाम विवाद सामने आये थे और तमाम तरह के आरोप भी लगे थे. इस तरह पहले जहां पीसीएस बनाम आईएएस=प्रमोशन रहा तो आईएएस वीक में “सीधी भर्ती बनाम प्रोन्नत आईएएस=प्रजेंटेशन” रहा. अफसरों की इस आपसी खींचतान का परिणाम यह रहा कि अब एक अलग संगठन “प्रोन्नत आईएएस मंच” के नाम से अस्तित्व में सामने है.

पिछले वर्ष प्रमोशन के विवादों के बाद आईएएस वीक में सीधी भर्ती के आईएएस अफसरों के प्रजेंटेशन को प्रोन्नत आईएएस अफसर ने बताया था कापी तो प्रोन्नत आईएएस सीडीओ अलीगढ ने इसका किया था समर्थन. जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर, प्रजेंटेशन की तय सूची में नाम के बिना जिलाधिकारी ललितपुर ने गोवंश पर प्रजेंटेशन दिया था. अफसरों की इस तरह की आपसी गुटबाजी और सरकार की इन मसलों को लेकर उदासीनता इस चुनावी वर्ष में कितना प्रभाव डालेगी यह तो वक्त बतायेगा. फिलहाल सियासी पंडितों का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आईपीएस एसोशिएसन की बैठक में शामिल हुए लेकिन आईएएस वीक में पहले सम्मिलित नहीं हुए बाद में हुए भी तो उनके आपसी विवाद का सामना हुआ. और अब शासन की रीढ़ कहे जाने वाले पीसीएस एसोशिएशन की बैठक में शामिल न होना कहीं न कहीं उनकी नाराजगी या फिर सरकार की उदासीनता को दर्शाता है जोकि इस चुनावी वर्ष में कतई हितकारी नहीं है.

इस तरह सूबे की शीर्ष अफसरशाही की आपसी खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप के बीच पीसीएस से प्रोन्नत होकर आईएएस बनने वाले अफसरों ने अपना एक अलग संगठन “प्रोन्नत आईएएस मंच” के नाम से बना लिया है. इस मंच के संयोजक प्रोन्नत आईएएस उमेश प्रताप सिंह को बनाया गया है. प्रोन्नत आईएएस मंच द्वारा अगले हफ्ते कार्यकारिणी गठित कर ऐलान किए जाने की भी संभावना है. पीसीएस तथा प्रोन्नत आईएएस अफसरों का सीधी भर्ती आईएएस अफसरों के साथ आपसी तालमेल की कमी की खबरें अक्सर चर्चा में रही हैं. इनके बीच आपसी व्यवहार को लेकर तमाम तरह के आरोप लगते-लगाते रहे हैं. शिकायत रहती थी की सीधी भर्ती के आईएएस प्रमोटी आईएएस को सम्मान नहीं देते हैं और उन से भेदभाव किया जाता है. सीधे भर्ती के आईएएस अफसरों द्वारा प्रोन्नत आईएएस अफसरों की छोटी सी शिकायत को खींच कर लंबा किया जाता है, तो सीधी भर्ती के आईएएस को बचाने का काम किया जाता है. प्रोन्नत से आए अफसरों को आईएएस एसोसिएशन में पर्याप्त भागीदारी भी नहीं दी जाती है,ना उनको वहां पर अपनी समस्याएं रखने का अवसर मिल पाता है. फिलहाल उत्तर प्रदेश में आईएस संवर्ग के कुल स्वीकृत 621 पदों में 433 सीधी भर्ती के तथा 188 पीसीएस से प्रमोटी आईएएस का कोटा निर्धारित है.

इस संदर्भ में पीसीएस से आईएएस बने 2012 बैच के अफसर उमेश प्रताप सिंह का कहना है कि आईएएस एसोसिएशन में डायरेक्ट सेवा के अधिकारियों का ही आधिपत्य रहता है. एसोसिएशन डायरेक्ट सेवा के आईएएस अफसरों के खिलाफ प्रोन्नत अफसरों की शिकायत को नहीं सुनती. ऐसे में प्रोन्नत अधिकारी इस एसोसिएशन में घुटन महसूस कर रहे थे,इसलिए मान सम्मान की रक्षा के लिए प्रोन्नत आईएएस मंच का गठन किया गया है. श्री सिंह का कहना है कि इस मंच के समर्थन में कई जिलों के डीएम व मंडलायुक्त प्रमोटी आईएएस अफसर शामिल हैं. उनका कहना है कि मंच सरकार से न कोई मांग करता है और न ही कोई शिकायत. अब प्रमोटी आईएएस अफसरों के साथ यदि कोई दुर्ब्यव्हार या अन्य किसी तरह की घटना होती है तो उसको मंच पूरी ताकत से उचित फोरम पर उठाएगा.

बताते चलें कि इसके पहले भी प्रमोशन को लेकर पहले से चला आ रहा पीसीएस बनाम आईएएस का मसला आईएएस वीक के पहले दिन सीधी भर्ती बनाम प्रोन्नत आईएएस अफसरों का हो गया था. आईएएस वीक का पहला दिन सीधी भर्ती के आईएएस अफसरों के लिए ठीक नहीं रहा था. शासन के अफसरों ने आईएएस वीक के पहले दिन सीएम को खुश करने के लिए प्रजेंटेशन का विषय गोवंश चुना और इसके प्रजेंटेशन के लिए 3 महिला आईएएस जिलाधिकारियों को सेलेक्ट किया. लेकिन उनकी इस योजना पर  प्रोन्नत आईएएस अफसरों ने पानी फेर दिया. पहले मुख्यमंत्री से मिले समय के कैंसिल हो जाने के बाद आखिर 1 फरवरी को आईएएस वीक की शुरुआत तो हुई,लेकिन अच्छी नहीं रही. उस समय जो बातें सामने आयीं उसके अनुसार चली आ रही अफसरशाही की आपसी गुटबाजी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने गोवंश पर चल रहे प्रजेंटेशन को लेकर खुलकर सामने आ गयी थी.

आईएएस वीक के पहले दिन गाजियाबाद,फिरोजाबाद और इटावा जिले की महिला जिलाधिकारियों द्वारा गोवंश पर प्रजेंटेशन दिए जाने का कार्य प्रस्तावित था. गोवंश पर इन अफसरों का प्रजेंटेशन चल ही रहा था कि जिलाधिकारी ललितपुर मानवेन्द्र सिंह जोकि प्रमोटी आईएएस हैं, ने खड़े होकर प्रजेंटेशन को उनके यहाँ से कापी किये जाने की बात कही. उनका कहना था कि यह कार्य तो हमारे जिले में हो रहा है इसमें नया क्या है. उनकी इस बात का समर्थन अलीगढ के सीडीओ दिनेश चन्द्र द्वारा किया गया कि उनके यहाँ भी इस तरह का कार्य पहले से ही चल रहा है,सीडीओ दिनेश चन्द्र भी अभी हाल ही में पदोन्नति पाकर आईएएस बने हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम फिरोजाबाद का प्रजेंटेशन समाप्त होते ही मुख्यमंत्री ने ललितपुर के जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह को बुलाकर प्रजेंटेशन देने को कहा था.

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