# लावारिश मिली कन्या के लिए दरोगा अखिलेश बने भगवान, 8 वर्ष पूर्व अनाथ मिली थी 10 वर्षीय बालिका.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : वर्दी वाला भगवान भी होता है यह साबित कर दिखाया राजधानी के चौक कोतवाली में तैनात दरोगा अखिलेश मिश्रा ने. आए दिन अपनी करतूतों से महकमे और सरकार को शर्मसार करने की खबरों के बीच एक ऐसी खबर भी है जिससे पुलिस की वर्दी को लेकर न केवल लोगों का विश्वास पुख्ता होता है बल्कि श्रद्धावनत भी होना पड़ता है. लखनऊ की चौक कोतवाली में तैनात दरोगा अखिलेश मिश्रा ने भी कुछ यही कर दिखाया है. न केवल पुलिस विभाग बल्कि समूचे समाज के लिए नजीर कायम करने वाले दारोगा अखिलेश मिश्रा ने अपने इस नेक काम को कभी प्रचारित प्रसारित नही किया और न ही इसका चर्चा तक करते हैं.
सूबे के जौनपुर निवासी चौक कोतवाली में तैनात दरोगा अखिलेश मिश्रा ने करीब 8 साल पहले अपनी गुडंबा थाने में तैनाती के दौरान एक लावारिस मिली 10 वर्ष की बच्ची का पालन पोषण ही किया नहीं किया बल्कि एक पिता की तरह उसका कन्यादान भी किया. अपने गृह जनपद जौनपुर में आयोजित शादी समारोह में अपने सभी सगे संबंधियों को आमंत्रित किया और बाजे-गाजे के साथ आयी बारात का उचित स्वागत किया.
अखिलेश मिश्रा की तैनाती गुडंबा थाने में भी रही थी जहां पर उन्होंने 10 वर्ष एक बच्ची को भटकते हुए पाया. बच्ची अपने और अपने परिवार के बारे में कुछ बता पाने में असमर्थ थी. पहले तो दरोगा अखिलेश मिश्रा ने बच्ची के घरवालों के बारे में पता करने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं रहे. फिर उसके बाद उस बच्ची को अपने घर ले आए और उसका पालन पोषण किया और उसका नाम तनु मिश्रा रखा. बताते चलें दरोगा अखिलेश मिश्रा के दो बेटियाँ और दो बेटे हैं. अपनी तीसरी बेटी की तरह अखिलेश ने तनु का लालन पालन किया और बच्ची की शिक्षा दीक्षा भी अपने बच्चों की तरह कराया. उसके विवाह योग्य होने पर अपने गृह जनपद जौनपुर के बरौली गांव से घनश्याम उपाध्याय के पुत्र पंकज से शादी किया.
ब्राह्मण रीति रिवाज से 20 अप्रैल 19 को सम्पन्न शादी में वे सारे रीति-रिवाज और कार्यक्रम किए गए जो एक शादी में होनी चाहिए थे. तनु की शादी जौनपुर के देनुबा उसरौली गांव निवासी घनश्याम उपाध्याय के पुत्र पंकज से तय हुई. 20 अप्रैल को उपनिरीक्षक ने अपने पैतृक गांव तुलापुर में तनु की शादी सम्पूर्ण रीतिरिवाज से सम्पन्न करवाई. अपनी शादी की इतनी भव्यता देखकर तनु ने कहा कि शुरुआत में मां बाप से बिछड़ने का दुख था लेकिन अखिलेश पापा ने इतना स्नेह दिया कि सब कुछ भूल गई. शादी समारोह में पूर्व विधायक बदलापुर ओमप्रकाश दुबे, बाबा मदन सिंह, राजेश्वर प्रसाद मिश्र, राकेश मिश्रा सहित कई गणमान्य लोगों ने विवाह में शामिल होकर नवविवाहित जोड़े को सुखमय जीवन के लिए आशीर्वाद दिया.
अखिलेश मिश्रा अपने इस नेक काम से जहां पुलिस विभाग की छवि को निखारने का काम किया है वही औरों के लिए नजीर भी बने हैं. मजेदार बात यह रही कि दरोगा अखिलेश मिश्रा इस तथ्य को काफी दिनों तक छिपाए रहे और कभी इसका ढिढोरा नहीं पीटा. लेकिन अब उनका यह नेक काम समाज और विभाग में सुर्खियां बटोर रहा है. आज जहां समाज में कन्या भ्रूण हत्या, नाबालिक लड़कियों को घरेलू नौकरानी बना उनको प्रताड़ित करने जैसे तमाम गलत कार्य कराए जा रहे हैं वहीं अखिलेश मिश्रा के इस कदम की जितनी सराहना की जाए वह कम होगी.