अफसरनामा ब्यूरो
अमेठी : लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हरा सांसद बनीं स्मृति ईरानी ने रविवार को अपने एक समर्पित कार्यकर्ता की अर्थी को कंधा देकर खुद को उनके बीच होने की मिशाल पेश तो किया ही साथ ही साथ अमेठी को लेकर अपनी दृढता को भी जता दिया. अपने एक जुझारू कार्यकर्ता की ह्त्या के बाद दुःख की इस घडी में उसके परिवार के साथ खड़े होकर उसकी अर्थी को कान्धा देकर स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया और परिवार को भरोसा दिलाया.
स्मृति ईरानी ने अपने चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले करीबी पूर्व प्रधान सुरेन्द्र सिंह जिनकी रविवार को गोली मारकर ह्त्या कर दी गयी थी. जिसकी जानकारी मिलने पर दिल्ली से लखनऊ पहुंच सड़क मार्ग से अमेठी पहुंची स्मृति ईरानी और सुरेंद्र सिंह के घर जाकर उनकी पत्नी, बेटियों और बेटे से मुलाकात की और आगे खुद परिवार को संभालने की जिम्मेदारी की बात कही. सुरेन्द्र सिंह के बेटे द्वारा हत्यारों को सजा और न्याय की मांग पर उनका कहना था कि यह मेरी लड़ाई है और मैं इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय तक जाऊंगी. इसके बाद स्मृति ने सुरेंद्र सिंह की शव-यात्रा में शामिल हो उन्हें कंधा भी दिया. फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और पुलिस ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है. बताते हैं कि इलाके में सुरेंद्र का काफी प्रभाव था और सुरेन्द्र सिंह के बूथ सहित आसपास के बूथों से बीजेपी को काफी मत मिले थे. इसी वजह से लोकसभा चुनाव में स्मृति की जीत के बाद उनका कद काफी बढ़ गया था, जो कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा था.
बताते चलें कि सुरेंद्र सिंह 2017 तक भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पद पर थे, लेकिन उप्र विधानसभा चुनाव 2017 में नंदमहर में अखिलेश यादव की सभा के बाद सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन चुनाव बाद वापस भाजपा में लौट आए थे. पुलिस के अनुसार इस घटना के राजनीतिक हत्या होने से इंकार नहीं किया जा सकता, कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, घटना की जांच जारी है. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है, सिंह पूर्व प्रधान भी रहे हैं इसलिए यह पुरानी रंजिश का मामला भी हो सकता है. लोकसभा चुनाव के दौरान जूता वितरण प्रकरण में सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे थे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था. बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था.