योगी सरकार में ये साहब अपर मुख्य सचिव की हैसियत से कई विभाग का दायित्व संभाल रहे हैं। बिहार की धरती से जड़े ये नौकरशाह 29 साल पहले आईएएस बने थे। तब से अब तक सरकारें चाहें किसी भी विचारधारा के रही हों। इनकी तैनाती हमेशा ही मलाईदार कुर्सी पर होती रही हैं। इसके लिए यह साहब कहतें हैं कि भगवान की कृपा से ही यह सब संभव हुआ है और आगे भी होगा। अपने ग्रहों को ठीक रखने के लिए ये साहब दाहिने हाथ में तीन अंगूठियाँ पहने है।
शायद इन्ही अंगूठियों का ही कमाल है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव तक की गुड बुक में इनका नाम शामिल रहा। मायावती की सरकार में उन्होंने परिवहन विभाग अपनी हनक दिखाई थी। अखिलेश यादव की सरकार में पढ़ाई-लिखाई वाले विभाग में इनका इतना जलवा था कि मंत्री भी पानी मांगते थे। और पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले विभागीय मंत्री ने को उन्होंने किनारे लगा दिया था।
यही नहीं एक अमेरिका में लंबे समय तक रह कर आये एक प्रमुख सचिव स्तर के अफसर तो इन साहब की वजह से अखिलेश सरकार के खिलाफ हो गये थे। बीते दिनों मुख्यमंत्री के एक चहेते अधिकारी को इन साहब के संभाले जा रहे कई विभागों में से एक विभाग लेकर उन्हें दे दिया गया। इस फेरबदल की सूची जब नियुक्ति विभाग ने जारी कर दी तो उन्हें पता चला कि अब सरकार का वह नहीं बल्कि कोई और देखेगा। बस फिर क्या था? साहब सक्रिय हुए दिल्ली से लेकर मुंबई और नागपुर तक फोन मिलाये। और मात्र दो घंटे की भीतर उनके पास फिर वह विभाग वापस आ गया जिसे उनके पास से हटाया गया था।
रोचक बात यह भी हुई कि उनके पास से सरकार के सांस्कृतिक एजेंडा वाले महकमें को हटाने के लिए नियुक्ति विभाग के दो अफसरों को उन्हें ‘सॉरी’ भी बोलना पड़ा। अब साहब बड़े गर्व से यह लोगों को बता रहें है, ताकि सब समझ लें कि वर्तमान सरकार भी उनका सिक्का बुलंदी पर है।– साभार वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार जी की फेसबुक वाल से.