# कोरोना संकट को लेकर सरकार सख्त, सीएम अपने मंत्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग की दे रहे हिदायत पर अफसरशाही अपने अंदाज में.
#विधान सभा सचिवालय के समुह ग और घ के कार्मिकों की उपस्थिति रोस्टर के अनुसार 50% तक की सीमा तक सुनिश्चित कराने के आदेश निर्गत.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : कोरोना संकट से निपटने के लिए फुल लाकडाउन की मांग उठने लगी है, राजधानी के दो बड़े अस्पतालों पीजीआई और केजीएमयू में कुछ वीआईपी को छोड़कर करीब करीब फुल हो चुके हैं. विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर विधान सभा सचिवालय में कार्मिकों की उपस्थिति के संबंध में रोस्टर प्रणाली लागू किया गया है. इसके बाद भी शासन का आदेश होने के बावजूद अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. जवाहर भवन और इंदिरा भवन में रोस्टर नहीं बनाये जाने से कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है. शासनादेश का पालन नहीं करने से कोविड-19 के नियंत्रण के लिये सक्रिय प्रबंधन तंत्र की सफलता पर प्रश्न चिह्न लग सकता है.
विभागीय अधिकारियों की सुस्ती से जहाँ सरकार की मंशा को पलीता लग रहा है वहीं कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से भय और सरकार के आदेशों के बावजूद रोस्टर की व्यवस्था लागू न किये जाने से नाराजगी है. विभागीय अधिकारियों द्वारा समुह ग और घ के 50% कर्मचारियों की उपस्थिति रोस्टर बनाकर सुनिश्चित की जानी है लेकिन सूत्रों की माने तो समूह क और ख के अधिकारियों का रोस्टर नहीं बनाया जाना है और उन्हें प्रतिदिन कार्यालय में उपस्थित होना है. ऐसे में समूह ग और घ के लिए रोस्टर लागू करने में अधिकारी कोई खास रूचि नहीं ले रहे हैं.
बेकाबू हो रहे कोरोना की रफ्तार को नियंत्रित करने की जद्दोजहद में लगी सरकार की सख्ती का आलम यह है कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों तक को सख्त निर्देश दिये हैं कि वे लोगों से मिलने के लिये भीड़ जमा न होने दें और फील्ड में जाने से बचें लेकिन इसके उलट सूबे के अफसरों को अपने आगे पीछे मातहतों की फौज रखने का शौक इतना है कि कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए शासन के कार्मिक विभाग से 9 जुलाई को जारी किये गये दिशानिर्देशों को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में दिखाई नहीं देते.
गौरतलब है कि विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने एक बार फिर अपने संवेदनशील रवैये का परिचय देते हुए विधान सभा सचिवालय के समुह ग और घ के कार्मिकों की उपस्थिति रोस्टर के अनुसार 50% तक की सीमा तक सुनिश्चित कराने के आदेश निर्गत करा दिये. लेकिन सूबे के 65 विभागों के लगभग 8000 कार्मिकों के कार्यस्थल जवाहर भवन व इंदिरा भवन के समूह ग और घ के कर्मचारी अपने अपने विभागों के स्तर से कुछ इसी तरह के दिशा-निर्देश जारी होने की बाट जोहते रहे हैं.