#डीएम कानपुर देहात ने बेहमई गाँव में लगाई चौपाल और जनसमस्याओं को सुना, 211 लोगों को निःशुल्क खतौनी भी वितरित किया.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : अफसर सरकार व जनता के बीच की वह कड़ी होते हैं जिनके उपर सरकार की मंशा और उसकी छवि को उकेरने की जिम्मेदारी होती है. जनता के ही मतों से सरकार बनती है और जब सरकार के यही उच्च अधिकारी जनता के बीच जाकर अपने बात व्यवहार से उनमें घुल मिल जाते है और सरकार के कार्यों की जमीनी हकीकत समझते हैं तो वह आम लोगों में चर्चा का विषय जरूर बनती है. फिलहाल सूबे की अफसरशाही में कानपुर देहात के जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र का नाम इन दिनों चर्चा में है. स्थानीय जनता के मुताबिक़ जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र की छवि लोगों के बीच मिलनसार व एक कुशल प्रशासक की है.
लोकतंत्र में जनता और अफसरशाही हमेशा से चर्चा में रही है. जनता अपनी समस्याओं को लेकर तो अफसरशाही अपने ब्यवहार को लेकर. योगी सरकार भी लगातार यह निर्देश देती रही है की अधिकारी जनता से दूरी न बनाएं बल्कि उनसे लगातार सम्पर्क रखें व उनकी समस्याओं को सुनें. ऐसे में किसी जिलाधिकारी व कप्तान को जनता के बीच जाकर उनका हाल चाल जानना और उनके बीच थोड़ा समय देकर कुछ हंसी के पल साझा करने से बीच की दूरी में कमी लाने का काम किया जाना सराहनीय पहल ही माना जाता है. हांलांकि इन दिनों सोशल मीडिया पर डीएम दिनेश चन्द्र की मंशा व कार्यशैली का जिक्र न होकर बल्कि उनके मजाक के हल्के फुल्के पल ही चर्चा में रहे. ऐसे में जिले में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की चर्चा करना भी जरूरी है.
जिलाधिकारी कानपुर देहात दिनेश चन्द्र जब निकले फूलन देवी के क्षेत्र बेहमई में, जानने जनता का हाल
नव वर्ष की शुरुआत में कानपुर देहात के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र और एसपी केशव कुमार जिले में शांति व्यवस्था देखने और जनता का हाल चाल जानने के लिए सिकंदरा तहसील क्षेत्र में निकले थे. जिलाधिकारी बकरियों का झुण्ड देखकर रुके और लोगों का हालचाल जाना, लोगों से प्रशासन की हकीकत को समझा. कभी डकैतों के गढ़ रहे इस क्षेत्र में उन्होंने लोगों से कहा कि यह वही इलाका है जहां कभी डकैतों का राज हुआ करता था. अपराध व आतंक का पर्याय बन चुके इस इलाके से वर्तमान की योगी सरकार के प्रशासन के बारे में भी लोगों से पूछा.
इस दौरान डीएम साहब बकरों को हांकने लगे और चरवाहे के हाथ में मौजूद कुल्हाड़ी को लेकर उन्होंने पूछा कि यह कैसा हथियार है भाई? चरवाहे ने कहा कि साहब जंगली जानवरों से सुरक्षा व लकड़ी काटने के लिए रखना पड़ता है. बकरियों के झुण्ड को हांकते हुए जिलाधिकारी की नजर वहां मौजूद रक तंदरुस्त बकरे पर पड़ी. उत्सुकता वश उन्होंने इसका नाम पूछा तो चरवाहे ने बताया कि इसका नाम राजा है. जिलाधिकारी महोदय ने बड़े मस्ती भरे अंदाज में कहा कि इसका नाम राजा और मैं भी राजा. डीएम साहब का यह सरल मिजाज देख वहां पर सब लोग हंसी के माहौल में आ गए. इस दौरान राजा नाम के बकरे ने सींग से जिलाधिकारी पर हमला कर दिया डीएम कूदकर पीछे हटे और बकरे की सींग पकड़ ली. लेकिन सोशल मीडिया पर उनका बकरे के साथ का हंसी मजाक तो छाया रहा पर जनता के साथ उनका व्यवहार चर्चा से दूर रहा. जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी महोदय का यह व्यवहार एकदम ही अलग था और लोगों के बीच उनकी इस सरलता और मिलनसार स्वभाव की चर्चा बनी हुई है.
जनता के बीच लगाई चौपाल, समस्याओं को सूना और निशुल्क खतौनी वितरण अभियान के तहत 211 लोगों को निःशुल्क खतौनी भी वितरित किया
दरअसल डीएम कानपुर देहात दिनेश चन्द्र द्वारा सिकंदरा तहसील क्षेत्र के बेहमई गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं को सुना गया. इस मौके पर उनके द्वारा निशुल्क खतौनी वितरण अभियान में सबसे अधिक एक साथ 211 वारिसानो को निशुल्क खतौनी भी वितरित की गयी. बताते चलें कि शासन के इस अभियान के तहत 5 हजार लोगो की वरासत दर्ज करने के लिए सूची बनायी गयी. जिसमे विभागीय कार्यवाही करते हुए लगभग 4200 लोगो को वरासत खतौनी दी जा चुकी है.
इसके अलावा जिलाधिकारी महोदय द्वारा वहीँ पर करीब 150 जरूरत मंदो को गर्म कपडे व 200 लोगो को कम्बल वितरित किये गये. साथ ही आवारा जानवरों से निजात दिलाने के लिए गौ शाला खोले जाने के लिए डीएम ने ग्रामीणों को भरोसा दिया.
सरकार की मंशा को ध्यान में रख, लोगों की सहूलियतों व उनकी समस्याओं के निस्तारण हेतु किये जा रहे प्रयासों की जमीनी हकीकत जानने के लिए उच्च अफसरों का इस तरह लोगों के बीच जाना और उनके बीच हल्के फुल्के माहौल में बात करना, घुलना मिलना और लोगों के दिल में अपनी जगह बनाना जहां स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना है वहीँ लोग इसको एक सकारात्मक कदम भी मान रहे हैं.