अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने न्यूयॉर्क पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी की तमाम राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात के दौरान अमेरिकन राष्ट्रपति जो बाइडन सहित तमाम देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपतियों ने कोरोना काल में भारत द्वारा रोकथाम के उपायों और दुनिया की सहायता करने के प्रयासों के लिए जहां भारत की प्रशंसा की, वहीं दूसरी ओर भारत में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के मामले में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी व उनके कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की कई बार पीठ ठोंक चुके हैं और कोविड प्रबंधन में यूपी को अव्वल बताया है. अब इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिले गाजियाबाद का नाम भी जुड़ गया है.
कोरोंना महामारी के भीषण संक्रमणकाल के दौरान गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस टीम की मेहनत तथा सिस्टम को दुरुस्त करने और सरकार व जिला प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी निभाने वाले नोडल अफसर के कुशल प्रबंधन और मेहनत ने सरकार की मंशा के अनुरूप जहां कार्य किया वहीं एक मानवता की मिशाल कायम करते हुए एक नजीर भी बने.
कोविड नियंत्रण की शानदार रणनीति के लिए सराहे जा रहे उत्तर प्रदेश ने जहां 10 करोड़ से अधिक का डोज लगाकर रिकार्ड बनाते हुए देश का पहला राज्य बना है वहीं “इंडिया टुडे आईटीजी हेल्थगिरी अवार्ड्स 2021” के लिए नामांकन और रैंक के लिए जारी की गई सूची में COVID-19 मैनेजमेंट के लिए गाजियाबाद को देश में पहला स्थान दिया गया है. COVID-19 का मुकाबला करने में सर्वश्रेष्ठ जिले (Best District in Combating COVID-19)जिसने कोविड महामारी को नियंत्रित करने और मुकाबला करने (District that has done extraordinary work to control and combat COVID)के लिए अच्छा काम किया है, के लिए यह अवार्ड दिया गया है.
गाजियाबाद को यह सम्मान मिलने पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशैली और प्रबंधन क्षमता की खासी तारीफ की जा रही है. सरकार और जिला प्रशासन के बीच सेतु का काम करने के लिए योगी सरकार ने जिलों में नोडल अफसर तैनात किये. जिसमें गाजियाबाद की जिम्मेदारी वर्तमान आबकारी आयुक्त डॉ सेंथिल पांडियन को दी गयी. अपनी मेहनत व कुशल प्रबंधन के अलावा एक दो को छोड बाकी पूरे जिले की टीम के सहयोग से गाजियाबाद जिले में कोविड प्रबंधन जैसी चुनौती पूर्ण काम को पूरा करते हुए एक मिशाल बने. नोडल अधिकारी डा॰ सैंथिल पांडियन के अलावा डीएम प्रभार में रहे 2010-11 बैच के आईएएस गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी कृष्ण करुणेश, नगर आयुक्त गाजियाबाद, आईएएस महेंद्र सिंह तंवर, सीडीओ अस्मिता लाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी एमपी सिंह की प्रमुख भूमिका के साथ ही पुलिस के अफसरों का काफी सहयोग इस चुनौती से निपटने में रहा.
यह उन सब अफसरों की मेहनत और सकारात्मक सहयोग का ही परिणाम रहा कि गाजियाबाद आज कोविड प्रबंधन के सर्वे में देश में प्रथम स्थान हासिल करने में कामयाब रहा है. बताते चलें की गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय कोरोना संक्रमित होने पर छुट्टी पर चले गये थे जिसके चलते जिलाधिकारी का प्रभार कृष्ण करुणेश के पास था. सर्वे में इन युवा अफसरों की टीम भावना और जिम्मेदारी के साथ लगकर कोविड के कुशल प्रबंधन का जिक्र किया गया है.
कोरोना जैसी महामारी में जहां हर कोई भयाक्रांत था वहीँ नोडल अफसर के रूप में डॉ सेंथिल पांडियन के द्वारा प्रशासनिक पेंच कसकर सिस्टम को दुरुस्त करने के प्रयास का सार्थक परिणाम रहा. कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन में तैनात कुछ ढीले प्रवृत्ति के अफसरों के बावजूद यह उपलब्धि काफी महत्वपूर्ण है.
बताते चलें कि जिले में तैनात दो एडीएम स्तर के अफसर फील्ड में लोगों के बीच जाकर काम करने से बचते रहे और वह अपनी जिम्मेदारी को एसी कमरे से ही निभा रहे थे. उनकी इस कार्यशैली की जानकारी मिलने पर नोडल अफसर पांडियन द्वारा एक रिपोर्ट शासन को भेजी गई. जिसको संज्ञान में लेकर शासन ने उनको वहां से हटा दिया था. इसके अलावा स्वास्थ विभाग के एक जुगाड़तंत्र से मजबूत अफसर जिनकी तैनाती गाजियाबाद में थी लेकिन वह अपने इसी तंत्र के बलबूते राजधानी लखनऊ में ही भौतिक रूप से पाए जाते थे, इन पर भी कार्यवाही के लिए नोडल अफसर द्वारा लिखा गया और कार्यवाही भी हुई. इस तरह से स्कैन करने के बाद जो युवा अफसरों की टीम जिले में तैयार हुई उसके कार्यों से ही देश और प्रदेश की ही तरह गाजियाबाद ने प्रबंधन में प्रथम स्थान हासिल कर एक नजीर बना है.