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यूपी में “आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS)” का होगा गठन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया निर्देश

अफसरनामा ब्यूरो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के विभागों, निगमों और परियोजनाओं में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवा में मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा निर्णय लिया है. शुक्रवार को अपने आवास पर ली गई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने कार्मिकों के श्रम का सम्मान करती है इसलिए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है.

मुख्यमंत्री ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया. उन्होंने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा जनहित के विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं. राज्य सरकार उनके श्रम का सम्मान करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी कार्मिकों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है. ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के जीवन को स्थायित्व व भरोसा प्रदान करेगा. इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए.

वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों के वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं. ऐसे में इस व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है.

उन्होंने निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा तब तक सेवा से नहीं हटाया जाए, जब तक कि संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो. प्रत्येक माह की 05 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए. साथ ही, ईपीएफ व ईएसआई की धनराशि भी समय से जमा हो.

ऐसा न करने वाली एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, पेनाल्टी व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. निगम का गठन करते हुए इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किए जाने चाहिए. आउटसोर्सिंग निगम के माध्यम से होने वाली सभी नियुक्तियों में नियमानुसार आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाए. इसी प्रकार मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ निगम के माध्यम से सुनिश्चित किए जाएं.

इस निगम के माध्यम से तीन पक्षीय समझौते के तहत विभाग, निगम व आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच समन्वित रूप से सभी प्रक्रियाएं संचालित होंगी. पारदर्शी चयन प्रक्रिया, जेम पोर्टल से एजेंसियों का चयन, मेरिट आधारित भर्ती, आधुनिक तकनीक का प्रयोग, ईपीएफ/ईएसआई की समयबद्ध जमा व निगरानी तथा आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित होगा.

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ एक सुगठित ढांचा के तहत कार्य करेगा, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, राज्य व जिला स्तरीय कमेटियां गठित होंगी. जेम पोर्टल द्वारा 03 वर्षों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन किया जाना उचित होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हों.

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