#कानपुर को दुनिया का सबसे प्रदूषित, देश का सबसे गंदा शहर बना गए नगर आयुक्त अविनाश.
#लखनऊ के लालच में हैं कानपुर का सत्यानाश कर चुके अविनाश.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : कानपुर को देश का सबसे गन्दा और विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बनाने वाले नगर आयुक्त अविनाश सिंह को सम्मान देते हुए योगी सरकार ने अब संगम नगरी इलाहाबाद को संवारने का काम सौंपा है. नगर विकास विभाग मे अंधेर नगरी चौपट राजा वाला हाल हो चुका है. प्रमुख सचिव मनोज कुमार मोदी-योगी को धता बता रहे हैं और कानपुर नगर आयुक्त वहां की जनता को धता बताने के बाद अब इलाहाबाद की जनता पर कृपा बरसायेंगे.
मानकों को धता बताते हुए रेडीमेड शौचालय बनवाने वाले कानपुर नगर आयुक्त अविनाश सिंह के खिलाफ जनविद्रोह के हालात बन गए थे. सरकार के सार्वजनिक स्थलों पर मल्टिपल सीटर (आधे महिला के लिए और आधे पुरुष के लिए) शुलभ शौचालय बनवाने के लिए नींव, ईंट, मोरंग आदि से RCC पद्धति से शौचालय निर्माण के नियम को दरकिनार करते हुए नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कानपुर के मोतीझील के पास कारगिल पार्क जैसी अन्य करीब 15-20 जगहों पर रेडीमेड शौचालय लगवाकर खेल किया है. अविनाश सिंह ने कई जगहों पर तो सिंगल सीटर रेडीमेड शौचालय बनवा दिए हैं, महिला और पुरुष की सुविधाओं का ख्याल भी नहीं रखा. बताते चलें कि रेडीमेड शौचालय पूरा स्टील का है और इसकी लागत RCC पद्धति से बनने वाले शौचालय से करीब 4 से 5 गुना ज्यादा है.
अविनाश के खिलाफ कानपुर को नर्क बनाने, चहेते को मिल्क बार के लिए निगम की जमीन देने, स्मार्ट सिटी परियोजना में दागी एनजीओ को काम देने सहित नमामि गंगे के नाम घालमेल करने जैसे दर्जनों संगीन आरोप लगे थे. कूड़ा न उठाये जाने से नाराज भाउपुर (भौती) के लोगों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए अविनाश सिंह को तानाशाह की संज्ञा दी थी और स्थिति को संभालने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची थी. तेल में खेल करने वाले अविनाश सिंह अपने इन सब कारनामों के बाद भी अब कुम्भ नगरी को व्यवस्थित करने और संवारने का काम करेंगे. भविष्य में होने वाले कुम्भ की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गंभीर हैं और कुम्भ व शहर की व्यवस्थाओं के लिए एक भारी भरकम बजट भी दे रखा है. ऐसे में सवाल यही है कि क्या अविनाश सिंह जैसे भ्रष्ट अफसर ही शासन को मिले जिनको इलाहाबद जैसे महत्वपूर्ण नगर निगम को संवारने की कमान दे दी गयी है.
सूत्रों की मानें तो अविनाश सिंह की इस तैनाती के पीछे सरकार के ही एक क्षेत्रीय कद्दावर महान कैबिनेट मंत्री का हाथ होना बताया जाता है. अविनाश सिंह के कारनामों के उजागर होने और क्षेत्रीय जनता की नाराजगी से बढे दबाव के चलते उनको कानपुर से तो हटा दिया गया लेकिन कैबिनेट मंत्री से अपनी नजदीकियों के चलते इलाहाबाद में तैनाती पाने में कामयाब रहे. इस बात को ऐसी भी बल मिलता है कि एक तरफ जहां प्रदेश के लगभग सभी नगर आयुक्त मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वच्छता मिशन का प्रशिक्षण ले रहे हैं वहीँ अविनाश सिंह उस शिविर में भाग न लेकर कानपुर से लखनऊ तक सेटिंग बनाने में लगे थे और कामयाब भी हुए. वहीँ खबर यह भी आ रही है कि अविनाश सिंह केवल इलाहाबाद नगर आयुक्त बनने से खुश नहीं हैं और वे अब लखनऊ आने की जुगत में लगे हैं.
अफसरनामा पहले ही कर चुका है कारनामों का खुलासा :-
कानपुर में 50 से ज्यादा सभासदों ने नगर आयुक्त के घर काटा हंगामा