#साले-बहनोई की जोड़ी लखीमपुर में खिला रही गुल.
#शैलेंद्र-पीके की जोड़ी लगा रही योगी सरकार को टीप.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : माया से लेकर अखिलेश सरकार में गदर मचाने के बाद अब योगीराज में भी साले बहनोई की एक जोड़ी कहर ढा रही है. कभी आजम के खासुलखास रहे प्रोन्नत आईएएस शैलेंद्र सिंह आज योगी राज में भी तेल पानी के खेल का इस्तेमाल कर लखीमपुर के जिलाधिकारी बने बैठे हैं और बाघ के हाथ में बंदूक की कहावत को चरितार्थ करते हुए जुगाड़ लगा अपने बहनोई प्रदीप सिंह को उसी जिले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) बनवा कर ले आए हैं. अफसरशाही में इन दिनों इस साले बहनोई की जोड़ी और उनके कारनामे खासी चर्चा में हैं.
सरकार माया की हो या फिर अखिलेश यादव की चाहे इन दिनों योगी की, शैलेन्द्र सिंह को सबको साधने का हुनर बखूबी आता है. मायाराज में सबसे ताकतवर अधिकारी रहे फतेहबहादुर सिंह से गृह जनपद का कनेक्शन जोड़कर तब के पीसीएस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने एडीएम सिटी कानपुर, अलीगढ़ जैसे मलाईदार पदों पर तैनाती पाई तो सपा सरकार में सूडा के निदेशक बन आजम खान के बगलगीर होने में कामयाबी पायी थी.
शैलेन्द्र सिंह सूडा में जून 2015 से लेकर नवंबर 2017 तक रहे और आजम खां के ई रिक्शा, ट्राई साइकिल आदि के वितरण कार्यक्रम में सेंटेज चार्जेज फंड का जमकर इस्तेमाल किया और वितरण कार्यक्रम में अनाप-शनाप खर्चा किया जिसका प्रमाण फोटो में दिख रही साज सज्जा से लगाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक़ शैलेन्द्र सिंह ने निदेशक सूडा रहते हुए सेंटेज चार्जेज में लगभग 10% कमीशन का खूब खेल किया जोकि करीब 60 से 70 करोड़ का रहा.
ताजा जानकारी के अनुसार शैलेन्द्र सिंह जिलाधिकारी लखीमपुर रहते हुए योगी सरकार में भी खेल करने के रास्ते निकाल चुके हैं और अपने बहनोई के माध्यम से कमाई में लगे हुए हैं. डीएम शैलेन्द्र सिंह के बहनोई पी के सिंह भी एआरटीओ लखीमपुर के पद पर तैनात हैं. एआरटीओ के पद पर लखीमपुर में करीब 2 साल से तैनात पीके सिंह के माध्यम से शैलेन्द्र कुमार सिंह जिला चला रहे हैं. जिले के अन्य कामकाज में पीके सिंह का पूरा दखल रहता है.