#बेटे बहु से लेकर नेतापुत्रों चिंटुओ को सरकारी दामाद बनाया मनोज कुमार ने.
#नगर विकास में निराले खेल, योगी सरकार का निकाल रहे तेल.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के योगी राज में नगर विकास विभाग मनमाने के नए रिकार्ड हर रोज बना रहा है। योगी कैबिनेट में शुचिता का लबादा ओढ़े संघ के जीवनव्रती सुरेश खन्ना के हाथों नगर विकास की कमान होने के बाद भी प्रमुख सचिव मनोज कुमार के कारनामे समूची सरकार की छवि पर भारी हैं। मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को अमल में लाने वाले नगर विकास विभाग ने इसे भाजपा नेताओं के परिजनों की चरागाह बना दिया है।
प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार ने मोदी के मिशन को इस कदर अपनी जेब में रख लिया है कि भाजपा के एक पहलवान पहाड़ी प्रवक्ता के बेटे को इसमें नौकरी दी फिर बारास्ते प्रेमविवाह घर आयी बहु को भी नौकरी पर रख दिया। मोदी के स्वच्छता मिशन में संघ के एक पदाधिकारी के बेटे को डाटा एनालिस्ट बना डाला तो कोमल बहु को भी आदित्य मिशन में लगा डाला।
अपने आका मंत्री सुरेश खन्ना को खुश करने के लिए मनोज कुमार ने उनके शाहजहांपुरी चिंटू को कागजों पर नौकरी स्वच्छता मिशन में आगरा जिले में दी पर वह चिंटू मंत्री सेवा में उनके ही साथ बगलगीर बना रहता है और उनके आफिस में ही पाया जाता है। इतना ही नही बीटेक/एमबीए योग्यता वाली इस नौकरी के लिए शाहजहांपुरी चिंटू के एमए अर्थशास्त्र की डिग्री को ही काफी मान लिया गया है।
स्वच्छता मिशन के तहत होने वाली भर्तियों में मनमानी इस कदर चलायी गयी कि आऱक्षण के किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। दलित प्रेम की ढींगे हाकने वाले योगी राज में 75 पदों में से महज आठ पर इस समुदाय के लोगों को भरती किया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 75 जिलों में और तीन राज्य मुख्यालय के जिला कार्यक्रम अधिकारी कम आईटी विशेषज्ञ के पदों पर नियुक्ति की गयी है जिन्हें 35000 रुपये महीना पगार दी जाती है।
मनोज कुमार की मनबढ़ई का आलम यह है कि उन्होंने सबसे ज्यादा मनमानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन में कर दिखाई है। मोदी के मिशन को दरकिनार कर पूरा स्वच्छता मिशन चहेते दागी एनजीओ के भरोसे सौंप मनोज कुमार ने अपात्रों को लाकर बैठा दिया है। स्वच्छता की जिम्मेदारी उन हाथों को सौंपी है जिन्होंने कभी सपने में इस काम के बारे में नही सोचा होगा।