#लापरवाह नियुक्ति विभाग के फैसलों से हो रही सरकार की किरकिरी.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : नौकरशाही को संभालने और सही तैनाती में बुरी तरह नाकाम योगी सरकार में अजीबो-गरीब कारनामें देखने को मिल रहे हैं. योगी सरकार में उच्च अधिकारियों ने तबादलों की बाढ़ में कुछ गजब खेल कर दिखाया है, लखनऊ नगर निगम में एक साथ और एक ही बैच के एक अधिकारी को अपने ही साथी का मातहत बना दिया है. इसके अलावा पूर्व नगर आयुक्त कानपुर अविनाश सिंह जिनके खिलाफ स्मार्ट सिटी परियोजना के फंड में खेल, स्वछ्चता मिशन और शौचालय निर्माण में धांधली की जांच चल रही है को इलाहाबाद का नगर आयुक्त बना दिया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रदेश सरकार के पास काबिल अफसरों का अकाल है जो इस तरह की तैनाती दी जा रही है.
लखनऊ नगर आयुक्त डा इंद्रमणि त्रिपाठी और अपर नगर आयुक्त मनोज कुमार दोनो ही राज्य प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) के 1998 बैच के अधिकारी हैं. सरकार की मेहरबानी से डा त्रिपाठी अब अपने ही बैचमेट मनोजकुमार के बास हो गए हैं. अमूमन ऐसा होने पर मातहत बने अफसर को सरकार को दूसरी तैनाती देती है पर यहां तो 15 दिन बीत जाने के बाद भी दोनो अफसर एक ही नगर निगम में तैनात हैं. यह तब और हास्यास्पद हो जाता है जबकि बीते 15 दिनों में सरकार ने थोक के भाव तबादले किए हों. आलम यह है कि एक ही बैच के अधिकारी का जूनियर बन जाने के बाद मनोज कुमार से न काम करते बन रहा है न ही उनके बास बन जाने वाले अफसर के लिए उन्हें निर्देश देते.