अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लागत बढ़ जाने के नाम पर परियोजनाओं का काम नही रुकेगा। योगी सरकार के एक फैसले के मुतिबक अब विभिन्न परियोजनाओं की लागत बढऩे पर उन्हें स्थानीय स्तर पर ही मंजूरी दी जा सकेगी। इससे सड़कें, पुल व कई वकास के काम तेजी से पूरे हो सकेंगे।
योगी सरकार ने परयिोजनाओं की बढ़ी हुयी लागत के मूल्यांकन व औचित्य परीक्षण की व्यवस्था में संशोधन कर दिया है। प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर-सहारनपुर मार्ग पर बने नए हाईवे के लिए टल टैक्स भी वसूलने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं की लागत बढ़ जाने की दशा में उनके मूल्यांकन व परीक्षण की नयी व्यवस्था लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब 5 करोड़ रुपये तक के प्रस्तावों का मूल्यांकन व परीक्षण विभागीय स्तर व 5 से 25 करोड़ रुपये तक के प्रस्तावों का मूल्यांकन व परीक्षण संबंधित विभाग के मुख्या अभियंता से कराए जाने का फैसला किया गया है। केवल उन्ही परियोजनाओं को लागत बढ़ जाने पर प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में गठित व्यय वित्त समिति के सामने पेश कयिा जाएगा जिनकी धनराशि 25 करोड़ रुपये से अधिक होगी। योगी सरकार के इस फैसले से विभिन्न परियोजनाओं के पूरा होने में लगने वाले समय में कमी आएगी।
एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने इलाहाबाद व झांसी में नयी फोरेंसिक लैब के निर्माण की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी दे दी है। इलाहाबाद में लैब की स्थापना पर 41.08 करोड़ रुपये व झांसी में 35.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत प्रदेश के सभी जिलों में पोषण अभियान चलाये जाने के लिए 8050 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।
मंत्रिपरिषद ने देवबंद होते हुए मुजफ्फरनगर-सहारनपुर राजमार्ग पर चलने वालों से टोल टैक्स वसूलने का फैसला किया है। इस फोर लेन का निर्माण निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) माडल के आधार पर कराया गया है। इस राजमार्ग के निर्माण पर निजी विकासकत्र्ता देवबंद हाईवे प्राइवेट लिमिटेड ने 752.88 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इसकी कंसेशन अवधि 23 सालों की है। मंत्रिपरिषद ने आज इस मार्ग पर टोल टैक्स वसूलने की अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को सहमति दे दी है।