#आरईएस के HOD को बताया षड्यंत्रकारी, वित्त नियंत्रक ने निदेशक आंतरिक लेखा को लिखा पत्र.
#निदेशक आंतरिक लेखा इस पूरे प्रकरण पर मौन.
#प्रखंडीय लेखाधिकारियों के माध्यम से आंतरिक लेखा परीक्षा न करा नियमों की की जा रही अनदेखी.
#मुख्यालय पर तैनात लेखाकारों से कराया जा रहा आडिट, लेखाकारों को PW Account System का प्रशिक्षण तक भी नहीं.
#मुख्यालय पर तैनात लेखाकारों से आडिट कराए जाने में विशेष रूचि दिखा रहे वित्त नियंत्रक.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : योगी सरकार भले ही प्रदेश में कुशल वित्तीय प्रबंध और अनुशासन के सहारे विकास के लाख दावे करे लेकिन राज्य वित्त सेवा के ही कुछ नामचीन अधिकारी अपने नित नए कारनामों से सरकार की मंशा पर पानी फेरने में लगे हैं. ताजा प्रकरण जो प्रकाश में आया है उसमें मनमानी के प्रतीक बन चुके ग्रामीण अभियांत्र्ण विभाग के वित्त नियंत्रक धनञ्जय सिंह द्वारा निदेशक राम प्रकाश सिंह पर विभाग में ही तैनात लेखाकार संजय शर्मा के साथ मिलकर अपने विरुद्ध षड़यंत्र करने का आरोप लगाया है. फिलहाल ग्रामीण अभियंत्रण निदेशालय में दो वरिष्ठ अफसरों की यह रार इस समय चर्चा में है.
निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा को प्रेषित अपने पत्र में निदेशक एवं मुख्य अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के आदेश संख्या-680/ग्रा०अ०वि०/स्था०-2/मुख्यालय -तैनाती/2018-19, दिनांक 06.06.2018 का हवाला देते हुए समबन्धित लेखाकार द्वारा निदेशक के आदेश के अनुपालन में तत्परता दिखाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति किया जाना विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है. मजे की बात है कि सारे तथ्यों की जानकारी के बाद भी निदेशक आरईएस और निदेशक आंतरिक लेखा परीक्षा पूरे मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं.
इसके अलावा शासनादेश संख्या 452/दस/2001 दिनांक 29.01.2001 द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभागों में कम से कम दस प्रतिशत आंतरिक लेखा परीक्षा कराए जाने की व्यवस्था की गयी है जिसमें लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग तथा ग्रामीण अभियंत्रण जैसे विभागों में जनपद स्तर के कार्यालयों में तैनात खंडीय लेखाकार-लेखाधिकारियों के माध्यम से आंतरिक लेखा परीक्षा कराए जाने का प्राविधान किया गया है. ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में महालेखाकार कैडर के प्रखंडीय लेखाधिकारियों के माध्यम से आंतरिक लेखा परीक्षा कराए जाने का परित्याग करते हुए वहां के मुख्यालय पर तैनात लेखाकारों से कराए जाने में विशेष रूचि वित्त नियंत्रक द्वारा ली जा रही है. जबकि मुख्यालय में तैनात लेखाकारों को PW Account System का प्रशिक्षण तक भी नहीं प्राप्त है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आडिट का स्तर क्या होगा.
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में विभागाध्यक्ष के समानांतर प्रशासनिक दखल रखने की जुगत में लगे वित्त नियंत्रक धनञ्जय सिंह द्वारा शासन की मंशा से इतर अपने मनमाने तरीके से इन्टरनल आडिट और निरीक्षण कराए जाने और मनपसंद लेखाकार के स्थानान्तरण पर भी कार्यमुक्त न कर तबादला रुकवाने के लिए पैरवी करने के किस्से पहले भी काफी चर्चा में रह चुके हैं. अपने राजनीतिक पहुँच के चलते मनमानी के प्रतीक बन चुके बेलगाम वित्त नियंत्रक ग्रामीण अभियंत्रण धनंजय सिंह का विभाग के निदेशक राम प्रकाश सिंह पर षड़यंत्र करने का लगाया गया यह आरोप ही उनकी हनक को दिखाता है जिसपर विभाग के निदेशक राम प्रकाश सिंह और निदेशक आंतरिक लेखा राज प्रताप सिंह कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे.