अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : नोएडा में रिटायर्ड कर्नल और पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र के बीच हुए विवाद और पीसीएस के निलंबन के बीच अब पीड़ित अधिकारी की पत्नी ने वीडीओ सहित तमाम साक्ष्य पेश किये हैं. निलंबित पीसीएस हरिश्चंद्र की पत्नी का कहना है कि रिटायर्ड कर्नल अक्सर उनकी पत्नी के साथ अभद्र व्यवहार, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग व् गाली गलौज करते थे.
इतना ही नहीं रिटायर्ड कर्नल ने कई बार निलंबित पीसीएस की पत्नी के साथ गलत व्यवहार भी किया. जिसे बिल्डिंग की कई महिलाओं ने भी देखा और डायल 100 से पुलिस बुलाकर FIR भी दर्ज कराई. मामले में इन सब साक्ष्यों के सामने आने के बाद पीसीएस संघ खुलकर निलंबित अधिकारी के पक्ष में खड़ा हो गया है. और प्रदेश सरकार से न्यायिक जांच की मांग करते हुए एक तरफा कार्यवाही रद्द करने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश पीसीएस संघ के अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह व् महासचिव पवन कुमार गंगवार ने इस सन्दर्भ में मुख्य सचिव को पत्र भेजते हुए पूरे मामले का खुलासा किया है और रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान पर असत्य तथ्यों के आधार पर फर्जी मुकदमा कायम कराने का आरोप लगाया है. संघ अध्यक्ष उमेश सिंह ने पत्र में लिखा है कि मौके पर मौजूद न रहने वाले पीसीएस अधिकारी के पुत्र अनुराग चन्द्र व् उसके साथी प्रशांत नागर, राहुल नागर व् रोहित गुजराल को अभियुक्त बना दिया गया है, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से की जा सकती है. उमेश सिंह ने बताया कि पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र की पत्नी और नाबालिक बच्चे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है जोकि सर्वथा अनुचित है.