दलित आईएएस अधिकारी की महत्वपूर्ण तैनाती की उम्मीदों को लगा झटका
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से जबरन वापस किये गए चर्चित आईएएस अधिकारी देवेन्द्र कुमार चौधरी की तैनाती को लेकर नौकरशाही आर सत्ता के गलियारों में चल रही चर्चाओं का सोमवार रात पटाक्षेप हो गया. उम्मीद के विपरीत 1981 बैच के इस आईएएस अधिकारी को मुख्य धारा की तैनाती से अलग रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सडक परिवहन निगम का अध्यक्ष बनाया गया है. अभी तक इस पद का काम राजस्व परिषद के अध्यक्ष प्रवीर कुमार अतिरिक्त प्रभार के तौर पर देख रहे थे. जानकारी के मुताबिक़ केंद्रीय पशुपालन सचिव के पद पर तैनात रहे डीके चौधरी के कामकाज से नाखुश मोदी सरकार ने इसी महीने उन्हें अपने गृह संवर्ग में वापस कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक़ प्रधानमन्त्री कार्यालय को श्री चौधरी के खिलाफ कुछ शिकायते मिली थीं. आम तौर पर केंद्र में सचिव पद पर तैनात रहे अधिकारियों को विशेष परिस्थितियों में ही गृह संवर्ग में वापस भेजा जाता है. श्री चौधरी को सेवाकाल के आखिरी महीनों में केंद्र से झटका लगा तो चर्चा चली कि दलित बिरादरी के इस अफसर को लखनऊ वापस आने पर बेहतर तैनाती मिल सकती है क्योंकि सत्तारूढ़ दल के एजेंडे में इस वर्ग के अधिकारी पिछली सरकार के मुकाबले ज्यादा तरजीह पर हैं. चूंकि श्री चौधरी राज्य के मुख्य सचिव राजीव कुमार के ही बैच के हैं इसलिए समझा जा रहा था कि चुनावी साल में उन्हें मुख्य सचिव के बाद दूसरे नम्बर के महत्वपूर्ण पद यानि कृषि उत्पादक आयुक्त के पद पर बैठाया जा सकता है. अगर ऐसा होता तो अखिलेश यादव सरकार के दौरान कोई जावेद उस्मानी और आलोक रंजन की तैनाती जैसा होता. दोनों अधिकारी 1978 बैच के अधिकारी रहे हैं अखिलेश यादव ने श्री उस्मानी को मुख्य सचिव और अलोक रंजन को कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया था.
हालांकि देवेन्द्र चौधरी के सेवाकाल में बहुत कम वक्त बचा है और एपीसी के पद पर तैनात 1983 बैच के राज प्रताप सिंह को “रेरा” का पहला मुखिया बनाये जाने के आसार हैं. इसलिए भी एपीसी के पद पर श्री चौधरी को तैनात करने की चर्चाएँ थीं. इसके अलावा यह भी चर्चा थी कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार मुख्य सचिव राजीव कुमार को केंद्र वापस बुलाकर सूबे की इस मुखिया की कुर्सी पर किसी दलित अथवा पिछड़े को बैठाना चाहती है और इसके लिए भी देंवेंद्र कुमार चौधरी का नाम चर्चा में था. इन सबके बावजूद कुछ का कहना था कि जुगाड़ के खिलाड़ी श्री चौधरी अपने रिटायरमेंट के अंतिम समय को अपने मूल कैडर में बिताना चाहते हैं और इसके लिए वे सरकार के किसी आयोग में जाना चाहते हैं. श्री चौधरी को मई में सेवानिवृत्त होना है.
फिलहाल इन चर्चाओं पर विराम लग गया है और सेवाकाल के आखिरी महीने शान्ति पूर्वक गुजारने के लिए उन्हें यूपीएसआरटीसी का अध्यक्ष बना दिया गया है. यह पद भी मुख्य सचिव के वेतनमान वाला है.