#प्रमोशन में रोड़ा बने उदयराज का सहारा ले मामले को उलझाने वाला नियुक्ति विभाग अब अवार्डी आईएएस के मसले को हवा देने में जुटा.
#इसके पहले उदयराज के मामले में DOPT को एक पत्र लिखकर मामले को उलझा चुका है नियुक्ति विभाग.
#बाद में कोर्ट और सीएम योगी के आदेश के बाद उदयराज को भेजा गया उत्तराखंड.
#सीएम योगी के अधीन इस विभाग के अफसर खुद उन्हीं की बात को नहीं मानने को तैयार.
#आखिर क्यूँ मसले को उलझाना चाहता है नियुक्ति विभाग.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : 34 पीसीएस अफसरों के आईएएस में प्रमोशन को लेकर नियुक्ति विभाग की खींचतान अभी कम नहीं हुई है. उदयराज के मामले में कोर्ट में जबरदस्ती पत्र भेजकर मामले को उलझाने वाला नियुक्ति विभाग अब फिर नया पेच लगाने में जुटा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अधीन आने वाले नियुक्ति विभाग के अफसर खुद योगी आदित्यनाथ के आदेशों को भी दरकिनार करने में लगे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश का नियुक्ति विभाग इन 34 पीसीएस अफसरों के प्रमोशन में जिस तरह की अडचनें पैदा करता रहा है उससे लगता है कि विभाग नहीं चाहता कि इन अफसरों का पीसीएस से आईएएस में प्रमोशन हो. जब मुख्यमंत्री के दबाव और कोर्ट के आदेश के बाद प्रमोशन में रोड़ा अटकाने वाले पीसीएस अफसर उदय राज सिंह को उत्तराखंड भेजा जा चुका है तो ऐसे में अब नियुक्ति विभाग द्वारा एक नया पेच मामले को लंबा खींच सकता है. नियुक्ति विभाग उस नियम का हवाला देकर 34 पीसीएस अफसरों का प्रमोशन टालने में लगा है जोकि वर्षों पहले समाप्त हो चुका है.
मुलायम सिंह की सरकार में विशेष परिस्थितियों में विशेष प्रतिभा के धनी दूसरे विभागों के अधिकारियों को आईएएस में प्रमोशन दिए जाने का प्रावधान बहुत पहले दिया गया था. बाद में इस आदेश को राजनाथ सिंह द्वारा समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद इस पूरे मसले को अवार्डी आईएएस अफसरों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया. पीसीएस व अन्य अफसरों की करीब 8-9 साल चली एक लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने दूसरे संवर्ग के अफसरों के प्रमोशन के लिए निर्धारित कोटा 2% को निरस्त करते हुए कहा कि विशेष परिस्थितियों में रिक्तियों के आधार पर नियुक्ति की जा सकती है. लेकिन पीसीएस संवर्ग के ही इतने अफसर प्रमोशन के लिए हो जाते हैं की रिक्तियां ही नहीं बचती है. ऐसे में जब रिक्तियां ही नहीं होती तो नियुक्ति विभाग द्वारा इस आधार पर इन 34 पीसीएस अफसरों के प्रमोशन के मामले को जिस तरह से लंबा खींचा जा रहा है ऐसा लगता है यह किसी जाति दुश्मनी का परिणाम है.
बताते चलें कि पूर्व में मुलायम सिंह सरकार ने आईएएस में प्रमोशन के लिए पीसीएस संवर्ग के अलावा अन्य संवर्ग के विशेष प्रतिभा के धनी अफसरों को आईएएस में प्रमोशन के लिए 2% का कोटा निर्धारित कर दिया था. जिसको मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बाद में समाप्त कर दिया गया था. उसके बाद इस मामले को कुछ अफसरों द्वारा कोर्ट ले जाया गया जिसमें कोर्ट ने फैसला दिया कि विशेष परिस्थितियों में ही रिक्तियों के आधार पर दूसरे संवर्ग के अफसरों का प्रमोशन आईएएस में किया जाए और इसके लिए किसी तरह का कोटा निर्धारित ना किया जाए. पूर्व में इस 2% कोटे से आईएएस बनने वाले अफसरों में इंद्रजीत वर्मा, देवदत्त शर्मा, रमाकांत शुक्ला, राकेश वर्मा रमेश यादव जैसे कुछ अफसर शामिल थे.
यूपी कैडर बनाम उत्तराखंड कैडर में फंसा 31 पीसीएस अफसरों का प्रमोशन
आईएएस में प्रमोशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उदयराज की याचिका की खारिज