#आखिर किसको बचा रहे अलोक कुमार और श्रीकांत शर्मा? इन सब पर क्या है उनकी चुप्पी की वजह?
#श्रीकांत शर्मा-अलोक कुमार भ्रष्टाचार पर चुप, माल गड़पगुप.
#तबादलों में निदेशक कार्मिक कर रहे मनमानी, इनपर है किसकी मेहरबानी.
#जालसाज कंपनी श्यामा बिल्ड्कान, बीएस तिवारी क्यूँ है इस पर मेहरबान.
#बीएस तिवारी के भ्रष्टाचार की हरदुआगंज काण्ड ,ओबरा काण्ड ,प्रेसटूल घोटाला ,आईएल पलक्कड़ घोटाला और टेंडर में खेल जैसे कारनामों की लम्बी है फेहरिस्त.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : प्रदेश के ऊर्जा विभाग में योगिराज में भी अखिलेश सरकार से चले आ रहे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई है. एक तरफ जहां भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद मंत्रियों के निजी सचिवों को जेल भेजा जा रहा है तो वहीँ ऊर्जा विभाग में भ्रष्टाचारियों को बचाया जा रहा है. लेसा, उत्पादन निगम सहित सब जगह तबादलों को लेकर मनमानी की कवायद जारी है. योग्य अफसरों को शंट कर चाटुकारों को संरक्षण दिया जा रहा है. तबादलों का जिम्मेदार निदेशक कार्मिक संजय तिवारी और भ्रष्टाचारी अफसर बीएस तिवारी अपने विश्वस्त के साथ मिलकर इनके गलत सही हुक्म को न मानने वाले अफसरों/कर्मचारियों को विभिन्न तरीकों से परेशान किया जाता है और उनको साईड लाइन कर दिया जाता है. हरदुआगंज का कल्याण अधिकारी मानसिंह, मंत्री श्रीकांत शर्मा और निदेशक कार्मिक संजय तिवारी का इस कद्र प्रिय हो चुका है कि तमाम नियमों को किनारे करते हुए उसको नियम विरुद्ध तरीके से वहां तैनात रखा गया है.`
ओबरा के अग्नि काण्ड में इंजीनियर सुरेश राम को फंसा दिया जाता है और बड़ी मछली बीएस तिवारी को बचा दिया जाता है जिसके कारनामें जगजाहिर हैं. यही नहीं विभाग के ईमानदार चेयरमैन अलोक कुमार और बडबोले मंत्री श्रीकांत शर्मा के पास भी इनका काला चिट्ठा प्रमाण के साथ आज भी उपलब्ध है. पूर्व प्रबंध निदेशक अमित गुप्ता की टेबल पर तो बीएस तिवारी के कारनामों का एक 150 पन्ने का बंडल भी रखा था जिसको साईड कर लिया गया है और इस पर कार्यवाही तो दूर जांच भी अभी तक शुरू नहीं की जा सकी है.
मंगलम सीमेंट को रख बेच अपने कथित दामाद को सेट करने वाले बीएस तिवारी ने निगम को करीब 100 करोड़ का चूना लगा चुका है जिसके दस्तावेजी प्रमाण मौजूद होने के बावजूद निगम के जिम्मेदारानों की आँखों पर पट्टी बंधी हुई है. आरटीआई से प्राप्त जानकारी में कानपुर के पनकी परियोजना में DGM के पद पर तैनात मंगलम सीमेंट को राख बेचने में बीएस तिवारी के सहयोगी रहे रंजन श्रीवास्तव जिनपर निदेशक कार्मिक संजय तिवारी की भी नजरे इनायत रही, को एटा के जवाहरपुर परियोजना में हुई सरिया चोरी में जांच अधिकारी बनाया गया था और इन सबकी अपेक्षा के अनुरूप ही रंजन श्रीवास्तव द्वारा रिपोर्ट क्लीन चिट की दी गयी.
टेंडर के खेल के माहिर और करोड़ों डकारने वाले बीएस तिवारी की मेसर्स श्यामा बिल्ड्कान पर मेहरबानी इस कदर थी कि उसने मेसर्स श्यामा बिल्डकान को फर्जी अनुभव व हैसियत प्रमाण पत्र होने के बावजूद करोड़ों का काम दिया था. श्यामा बिल्ड्कान द्वारा कागजातों में की गयी जालसाजी सामने आने और “अफसरनामा” द्वारा खबर चलाये जाने और जालसाजी का सबूत सार्वजनिक किये जाने के बाद भी अभी तक विभाग के जिम्मेदारों के कान में तेल पडा हुआ है.
मेसर्स श्यामा बिल्ड्कान के पेपरों की जांच में जालसाजी पाए जाने के बाद ब्लैक लिस्ट करने की फाईल बीएस तिवारी के पास अभी भी लंबित है जिसका निस्तारण नहीं किया जा सका है. चूंकि कंपनी श्यामा बिल्ड्कान कम्पनी बीएस तिवारी के किसी कथित रिश्तेदार की है इसलिए वह उसको ब्लैकलिस्ट नहीं कर रहा है, और फाईल को दबाये हुए हैं. इसका कारण यह है कि कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही उसका एडवांस डिपोजिट करीब 30 लाख रुपया विभाग जब्त कर लेगा इसलिए बीएस तिवारी इसको ठन्डे बस्ते में डाल उचित समय पर मामले को रफादफा करने की फिराक में है.
पूर्व में हरदुआगंज काण्ड के लिए आरोपी बीएस तिवारी पर केस चलाने को लेकर जहाँ पिछली सरकार में प्रमुख सचिव श्रम अनिता भटनागर के लिखे गए पत्र पर कार्यवाही करने के बजाय तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल ने उनको बचाने का काम किया और मजिस्ट्रेटी जांच पर विभागीय जांच बैठाकर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया, वहीँ अब कुछ इसी तरह का काम योगी सरकार में बिजली विभाग के वर्तमान चेयरमैन अलोक कुमार कर रहे हैं. अलोक कुमार की नाक के नीचे बैठकर बीएस तिवारी कारनामे पर कारनामे किये जा रहा है और प्रकरण की जानकारी होने के बावजूद अलोक कुमार जांच की बात कहकर मामले को टालते जा रहे हैं और शुचिता व ईमानदारी का राग अलापने वाली पार्टी के ईमानदार मंत्री श्रीकांत शर्मा की तरफ से भी इस पूरे मसले पर चुप्पी है जबकि पूरा मामला विभागीय मंत्री के संज्ञान में है.
कंपनी श्यामा बिल्डकॉन पर कुर्बान बिजली निदेशक बीएस तिवारी ने जमकर पीटा नामा
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मंगलम को राख बेच अपने कथित दामाद का भी मंगल कर चुका है बीएस तिवारी
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