#बिजली की सप्लाई सुचारू रूप से रही जारी, हडताल का आज दूसरा दिन
#विद्युत् कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी लाईटनिंग हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : निजीकरण सहित अन्य मुद्दों पर नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के द्वारा बुलाये गए दो दिवसीय हडताल के पहले दिन का मिलाजुला असर रहा. पूर्व घोषित हड़ताल के पहले दिन इसका कोई व्यापक असर नहीं दिखा. और न ही विद्युत् आपूर्ति में कहीं से किसी तरह की बाधा की जानकारी सामने आयी. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में संशोधन के विरोध में उतरी बिजलीकर्मीयों के हड़ताल का आज दूसरा दिन है.
निजीकरण के विरोध सहित अन्य मुद्दों पर बिजलीकर्मियों और इंजीनियरों की हड़ताल के पहले दिन प्रदेश के बिजली अभियंता व कर्मियों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया सभी जिला परियोजना मुख्यालयों और शक्ति भवन स्थित पावर कारपोरेशन मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया. नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के द्वारा बुलाये गए इस हड़ताल में कर्मियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर सभाएं की गयीं और चेतावनी दी गयी कि यदि केंद्र सरकार ने निजीकरण को बढ़ावा देने वाले बिल में संशोधन के प्रस्ताव को वापस नहीं लिया तो देशभर के बिजली अभियंता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
बताते चलें कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के संबंध में नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) को लिखे पत्र को नाकाफी बताते हुए राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है. इसके तहत 8 और 9 जनवरी को यूपी समेत देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर हड़ताल हैं. हड़ताल में लखनऊ के सभी बिजली कर्मचारी और इंजीनियर भी शामिल होंगे. बिजलीकर्मियों का कहना है कि हड़ताल के दौरान सभी कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा. बिजली कर्मचारियों की हड़ताल उस समय हो रही है जब देशव्यापी हड़ताल का ऐलान माकपा, भाकपा माले, फॉरवर्ड ब्लॉक, लोकतांत्रिक जनता दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया है और इसमें बैंक बीमा और वामपंथी यूनियनों ने भी समर्थन का ऐलान किया है.