# लेकिन जिन पियूष को तैनात किया गया, वे भी रहे हैं सपाई दिग्गज के अत्यंत प्रिय
अफसरनामा
लखनऊ : कासगंज दंगे को रोक पाने में असफल और घटना के पीछे सियासी साजिश बताने वाले एसपी सुनील सिंह को प्रदेश शासन ने हटाते हुए एसआईटी जांच गठित कर दी है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा के दौरान हुई साम्प्रादायिक हिंसा व ह्त्या के अगले दिन पुनः तोड़फोड़, आगजनी व पथराव जैसी जारी घटना को रोकने में नाकाम साबित होने के चलते उनको एसपी कासगंज के पद से हटाकर एसपी पीटीएस मेरठ बना दिया गया है. सूत्रों की मानें तो अपने पिता की सियासी पहुँच के चलते 2009 बैच के आईपीएस सुनील सिंह अपना निलंबन बचाने में कामयाब रहे. अखिलेश यादव सरकार में तैनाती के करीब दो साल से कासगंज एसपी रहे सुनील सिंह अपने मजबूत मैनेजमेंट के लिए भी जाने जाते हैं. जानकारों की मानें तो सुनील सिंह के पिता क्षत्रिय महासभा में किसी बड़े पद पर तैनात है, और अपने इसी सिस्टम के बदौलत वह अपना निलंबन बचाने में कामयाब रहे.
सुनील सिंह पर निलंबन की कारवाई न होने से सिर्फ सत्ता के गलियारे ही नहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के भी कई बड़े नेता आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में सिर्फ कासगंज ही नहीं, आस-पास के किसी भी जिले में कप्तान और डीएम पद पर तैनाती उन्हीं अफसरों की होती रही है जिन्हें पार्टी के ख़ास लोगों का करीबी माना जाता था. मजे की बात है कि सुनील सिंह को हटाकर जिन पियूष श्रीवास्तव की तैनाती कासगंज में की गयी है उन्हें इनके मुकाबले समाजवादी पार्टी के एक कद्दावर नेता का बेहद ख़ास माना जाता है. जानकार बताते हैं कि परदेस पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में तरक्की के बाद पियूष की पहली तैनाती बतौर पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद में हुई जो रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव का संसदीय क्षेत्र है
कासगंज की इस घटना को प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने उत्तर प्रदेश के लिए कलंक बताया है. उनका कहना है कि सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे दोबारा ऐसी घटनाएं न हों. सरकार ने सुनील सिंह की जगह 2005 बैच के आजमगढ़ के रहने वाले पियूष श्रीवास्तव को कासगंज का नया एसपी बनाया है. पियूष श्रीवास्तव को समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल का करीबी बताया जाता है. जानकारों की मानें तो प्रदेश में सपा की सरकार बनने के साथ ही रामगोपाल यादव ने ही पियूष गोयल को अपने पुत्र के संसदीय क्षेत्र फिरोजाबाद में एसपी बनवाया था.
गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने वालों पर कासगंज के एसपी सुनील सिंह ने हिंसा की वारदातों के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर की थी. उनका कहना था कि तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों ने एक खास जगह पहुंचकर कुछ भड़काऊ नारेबाजी की, जिसके चलते झगड़ा शुरू हुआ और हिंसा भड़क उठी. 26 जनवरी के दिन भड़की हिंसा तो त्वरित कारणों से थी लेकिन उसके बाद फैलाई जा रही हिंसा के पीछे कोई राजनीतिक साजिश है. फेसबुक पर फुल टाईम एक्टिव रहने वाले सुनील सिंह इस घटना के बाद भी फेसबुक पर एक्टिव रहे और पोस्ट किया लेकिन जब इसकी सोशल मीडिया पर आलोचना शुरू हुई तो उनके द्वारा पोस्ट को डिलीट कर दिया गया.