#मठाधीशों, ताकतवर अफसरों की किरकिरी, पीसीएस संघ अध्यक्ष के कमरे पर सरकार की नजर
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : अफसर छुट्टी पर और कमरा गायब ! कुछ ऐसा ही हो रहा है पीसीएस संघ के अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह के साथ. वैसे करीब दस महीने से ज्यादा की योगी सरकार में अफसरों का इस तरह का रवैया कोई नया नहीं है. सूबे में भाजपा की योगी सरकार बनने के साथ ही अफसरशाही और उसकी मनमानी को लेकर तमाम तरह की चर्चाएँ आम हैं.
मठाधीशों की मरजी के खिलाफ नौजवानों अफसरों की पसंद के चलते पीसीएस संघ के अध्यक्ष चुने गए उमेश प्रताप सिंह अक्सर अपने कैडर के लोगों के हितों के लिए सरकार और आईएएस अफसरों के खिलाफ मोरचा लेते रहे हैं. नगर निगमों व विकास प्राधिकरणों में पीसीएस अफसरों की तैनाती को लेकर वो मुख्यमंत्री तक से अपनी नाराजगी जता चुके हैं. दरअसल ताकतवर आईएएस लाबी नगर निगमों व विकास प्राधिकरणों में आयुक्त, उपाध्यक्ष के पदों पर अपने कैडर के अधिकारियों को बैठाने लगी थी जिसका उमेश प्रताप ने विरोध किया था. इस बार पीसीएस संघ के अध्यक्ष के कमरे पर सरकार की निगाहें टेढ़ी देख वो एक बार फिर से मैदान में हैं.
खुद सीएम योगी की किरकिरी करा चुकी इस अफसरशाही के आपसी खींचतान, विधायकों व संगठन के नेताओं की बातों की सुनवाई न होना जैसी खबरें आज भी चर्चा का विषय हैं. योगी के अफसरों की इस मनमानी को लेकर संघ, सरकार और संगठन कई बैठकें भी कर चुका है. लेकिन अभी तक सीएम योगी के सामने केवल माननीयों और संगठन के पदाधिकारियों की बातें न सुने जाने और मनमानी करने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन एक ताजा प्रकरण में जो बात सामने आ रही है उससे लगता है कि वर्तमान सरकार की बेलगाम अफसरशाही का शिकार अब खुद उसके अफसर भी हो रहे हैं.
सचिवालय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार पीसीएस संघ के अध्यक्ष व विशेष सचिव नगर विकास के पद पर तैनात उमेश प्रताप सिंह के सम्बन्ध में एक मामला प्रकाश में आया है. अपने कुछ पारिवारिक कारणों से अवकाश पर चल रहे श्री सिंह के कक्ष को किसी दूसरे अफसर को एलाट किया जा रहा है. उक्त प्रकरण में सचिवालय प्रशासन की मनमानी खुलकर सामने आयी है. बताते चलें कि उमेश सिंह को बापू भवन स्थित सचिवालय में कक्ष संख्या- 834 और उनके स्टाफ के लिए कक्ष संख्या-829 पूर्व में ही एलाट किया गया था. लेकिन सचिवालय प्रशासन द्वारा इस कक्ष को अभी चंद दिन पहले डीएम मुजफ्फरनगर के पद से ट्रांसफर होकर सचिव नगर विकास बने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जीएस प्रियदर्शी को आवंटित किये जाने की बात सामने आ रही है.
पहले से आवंटित खुद के कक्ष को किसी दूसरे को आवंटित किये जाने की जानकारी मिलने पर श्री सिंह ने इस बाबत एक पत्र भी महेश गुप्ता प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन को लिखा है. पत्र में उमेश सिंह ने लिखा है कि “मैं अधोहस्ताक्षरी को बापू भवन सचिवालय स्थित कक्ष संख्या-834 व् स्टाफ हेतु कक्ष संख्या 829 पूर्व से ही आवंटित है. मेरे संज्ञान में यह तथ्य आज ही लाया गया है कि प्रशंग्त दोनों कक्ष किसी दूसरे अधिकारी को आवंटित किये जा रहे हैं. मैं पीसीएस एसोसियेशन का अध्यक्ष भी हूँ, इसलिए शासकीय कार्यों के साथ ही साथ संघ के दायित्वों का भी निर्वहन करता हूँ, इसलिए मुझे एकल कक्ष की आवश्यकता है. अतः अनुरोध है कि प्रसंग गत कक्ष को किसी अन्य अधिकारी को आवंटित न किया जाय. मैं विषम पारिवारिक परिस्थितियों वश अवकाश पर हूँ. किन्तु 3-4 दिनों में अपना कार्यभार ग्रहण कर लूँगा.”
In this govt, there is hardly any positive thing happening.