अफसरनामा ब्यूरो
#सूबे के आंतरिक लेखा परीक्षा में ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में पिछले वर्ष पूर्व निदेशक संतोष अग्रवाल सस्पेंड हो गई लेकिन संयुक्त निदेशक साजिद आज़मी का जलवा बरकरार .
लखनऊ : निदेशक आंतरिक लेखा के पूर्व निदेशक के कारनामों से शासन सबक नहीं ले सका है और सरकारी सिस्टम केवल जांच गठित कर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया है. जिसका परिणाम है कि आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में एकबार फिर से इतहास दोहराए जाने की तैयारी है. निदेशालय में करीब 5 वर्षों से एक ही जगह लगातार तैनात संयुक्त निदेशक साजिद आज़मी का जलवा बरकरार है और जानकारी के मुताबिक़ वह इस बार भी अपनी परफार्मेंस दिखाने की तैयारी में हैं. संयुक्त निदेशक आंतरिक लेखा के कारनामों का मसला 25 फरवरी 2023 को विधान परिषद् में सदस्य द्वारा नियम 111 के तहत उठाये जाने के बाद भी ठंडा रहा. पूर्व निदेशक संतोष अग्रवाल पर उठे सवाल के समय जांच में यह अफसर भले ही बच गया था लेकिन “अफसरनामा” की जानकारी के अनुसार यह भी संतोष अग्रवाल के साथ पूरे खेल में सफाई से साथ था और अपनी सेटिंग-गेटिंग से बच निकला था जिसका जिक्र विधान परिषद् सदस्य ने अपने पत्र में किया है.
संयुक्त निदेशक आंतरिक लेखा के कारनामों का मसला 25 फरवरी 2023 को विधान परिषद् के सदस्य जीतेन्द्र सिंह सेंगर ने नियम 111 के तहत दिया था . जिसमें उनके द्वारा तमाम आरोप लगाते हुए साजिद आजमी को विभाग के सिंडिकेट के सरगना के रूप में बताते हुए अन्य तमाम आरोप लगाये थे और इनके अविलम्ब स्थानान्तरण किये जाने की बात कही गयी थी. लेकिन समय बीतता गया और सदा की तरह मामला ठंडा हो गया. लेकिन आज जब फिर से तबादले होने जा रहे हैं तो सवाल भी बहुतेरे हैं क्या ऐसे अफसरों के रहते पारदर्शी तरीके से नियमानुसार तबादले हो सकेंगे और क्या फिर कोई विवाद नहीं होगा? जब खुद विवादित संयुक्त निदेशक की ही तैनाती निदेशालय में स्थानान्तरण नीति के विरुद्ध है.
इस तरह जारी वर्तमान स्थानान्तरण सीजन में भी आंतरिक लेखा परीक्षा निदेशालय में मानव सम्पदा पोर्टल के हालात के मद्देनजर वर्षों से एक जगह जमे लेखाकार के ट्रांस्फर पोस्टिंग पर फिर विवाद की आशंका गहरा गयी है. “अफसरनामा” ने गत वर्ष भी पहले ही शासन को चेताते हुए समय रहते उपाय की जरुरत को बताया था.
27 जुलाई 2021 को शासन की नीति से परे ट्रांसफर पोस्टिंग के आरोप में निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा रहीं संतोष अग्रवाल को हटाया गया और बाद में सस्पेंड किया गया
बताते चलें कि 27 जुलाई 2021 को शासन की नीति से परे ट्रांसफर पोस्टिंग के आरोप में निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा रहीं संतोष अग्रवाल को शासन के वित्त विभाग ने तत्काल प्रभाव से पदच्युत करते हुए निदेशक कोषागार कार्यालय से संबद्ध करने और फिर सस्पेंड करने के बाद जांच कमेटी गठित कर सरकारी खानापूर्ति कर दी गयी थी. नियम विरुद्ध तथा शासन के द्वारा निर्धारित आधार और मानक की अनदेखी करते हुए किए गए तबादलों की जांच के लिए आलोक कुमार अग्रवाल, वित्त नियंत्रक, वन विभाग और समीर कुमार वर्मा को संयुक्त जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए एक कमेटी का गठन कर प्रकरण की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया और कमेटी को शासन के वित्त विभाग को 3 दिनों के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. इसके साथ ही बतौर निदेशक, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा की हैसियत से संतोष अग्रवाल द्वारा किये गए सभी तबादलों को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया था.
बताते चलें कि आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय में ट्रांसफर पोस्टिंग में मची धांधली के बारे में “अफसरनामा” के लगातार आगाह करते रहने के बाद शासन का ध्यान शासन का ध्यान इस ओर आया था. हांलांकि शासन के उस आदेश से यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि जांच का दायरा क्या होगा लेकिन इतना तय था कि यदि गहन और निष्पक्ष जांच होती है तो दो दशकों से भी अधिक समय से एक ही जगह जमे लेखा संवर्ग के अधिकारियों व् कर्मचारियों तथा वित्त सेवा के ही उच्च अधिकारियों के स्तर से उनकी पैरोकारी करने सहित कई चौकाने वाले खुलासे होते लेकिन मामला कुछ अलग ही निकला और शासन द्वारा गठित जाँच कमेटी का परिणाम सामने नहीं आ सका.
“अफसरनामा” की खबर पर लगी मुहर, ट्रांसफर पोस्टिंग में धांधली के आरोप में निदेशक आंतरिक लेखा संतोष अग्रवाल हटीं