#राजकुमार साहू, जिला लेखा प्रबंधक, जिला कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई रायबरेली, भ्रष्टाचार की जांच में दोषी करार फिर भी जलवा बरकरार.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही सिस्टम को दुरुस्त कर भ्रष्टाचार मुक्त व पारदर्शी व्यवस्था की बात करते हों परन्तु उनकी इस मंशा का निचले स्तर पर कितना अनुपालन हो रहा है इसका अंदाजा जनपद रायबरेली में संविदा पर तैनात जिला लेखा प्रबंधक, जिला कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई राजकुमार साहू (DAM)NHM के प्रकरण से लगाया जा सकता है. जुगाड़ तंत्र में माहिर राजकुमार साहू, जिला लेखा प्रबंधक रायबरेली के खिलाफ हुई जांच और कमेटी की रिपोर्ट जमा होने तथा स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह के पत्र पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का “तत्काल प्रकरण के दृष्टिगत हटाने और कार्यवाही कर अवगत कराने” का आदेश भी अभी तक बेअसर रहा है.
कमेटी की इस जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति देते हुए अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ ने जाँच रिपोर्ट के साथ एक पत्र पत्रांक संख्या ए0 डी0/जांच/2022-23/580 दिनांक 06 मार्च 2023 को मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, लखनऊ उत्तर प्रदेश को भेज चुके हैं. फ़िलहाल इस रिपोर्ट को भेजे हुए करीब 05 महीने होने को हैं लेकिन अभी तक उक्त प्रकरण का निस्तारण नहीं किया जा सका और न ही राजकुमार साहू, जिला लेखा प्रबंधक रायबरेली पर कोई कार्यवाई की जा सकी है. यह प्रकरण तब और गंभीर हो जाता है जब उक्त प्रकरण प्रकरण के सम्बन्ध में बांसडीह, बलिया से विधायक केतकी सिंह के पत्र का हवाला देते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को यथोचित कार्यवाही करने के लिए स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह का पत्र जाता है और उसपर उपमुख्यमंत्री श्री पाठक द्वारा एमडी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को तत्काल कार्यवाई कर अवगत कराने को लिखा जाता है. उमुख्य्मंत्री बृजेश पाठक का यह आदेश भी 24 जून 2023 का है लेकिन अभी तक नतीजा सिफर ही रहा है.
बताते चलें कि राजकुमार साहू जिला लेखा प्रबंधक, जिला कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई, रायबरेली पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाते हुए जनवरी 2023 में मिशन निदेशक से शिकायत की गयी. जिसको मिशन निदेशक द्वारा शिकायत को संदर्भित करते हुए और अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के सम्बन्ध में शासन के पत्र संख्या-13/01/97-का-1/1997 दिनांक 01.08.1997 एवं पत्र संख्या-13/01/97-का-1/2012 दिनांक 19.04.2012 के सन्दर्भ का उल्लेख करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी/संयोजक जिला स्वास्थ्य समिति को अपने पत्रांक संख्या सी0-62/एस0पी0एम्0यू0/एन0एच0एम्0/2022-23/8472 दिनांक 09.02.2023 को निर्देशित करते हुए लिखा कि शिकायती पत्र की पुष्टि हेतु शिकायतकर्ता से उक्त शिकायत के बारे में शपथ पत्र समुचित साक्ष्यों के साथ 07 कार्यदिवसों में अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में प्रेषित करने को कहा गया.
जिसके बाद राजकुमार साहू, जिला लेखा प्रबंधक, जिला कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई रायबरेली की शिकायत को लेकर एक कमेटी बनाई गयी जिसमें शांतनु लाल गुप्ता (आफिसर आडिट) और डॉ रजत सिंह (संयुक्त निदेशक) शामिल रहे. जांच कमेटी के सामने उपस्थित होने के कई पत्र जारी होने के बाद उपस्थित हुए राजकुमार साहू से सवालों के जवाब की आख्या जांच कमेटी ने राजकुमार साहू के खिलाफ सख्त टिप्पड़ी करते हुए लिखा कि “राजकुमार साहू को पूछताछ व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए लखनऊ मंडल बुलाया गया लेकिन तय दिनांक को उनके द्वारा कोई भी अभिलेखीय साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया. कई बार पत्र प्रेषित करने के बाद भी राजकुमार साहू द्वारा समय से बयान न देना व कोई साक्ष्य उपलब्ध न कराए जाने से शिकायतकर्ता द्वारा की गयी राजकुमार साहू, जिला लेखा प्रबंधक रायबरेली द्वारा मनमानी तरीके से काम करने व मनचाहे लोगों को काम देने सम्बंधित की गयी शिकायत प्रथम दृष्टया (Prime Facie) सत्य प्रतीत होती है.”
फिलहाल पूरा मामला निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, लखनऊ के स्तर पर लंबित है और जानकारी में आया है कि जुगाडू जिला लेखा प्रबंधक राजकुमार साहू छुट्टी का पत्र देकर राजधानी लखनऊ में मामले को दबाने के लिए अपने आकाओं की गणेश परिक्रमा कर रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि राजधानी लखनऊ में बैठे इसके आका इसको बचाने में लग गए हैं. अब देखना यह होगा कि इस जिला लेखा प्रबंधक को बचाने के लिए कौन सा नया फार्मूला निकाला जाता है या फिर निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस पर नियमानुसार कार्यवाई की जाती है.