अयोध्या : अयोध्या में रामलला को चंदन की जगह रत्नजड़ित टीका लगाये जाने से पुजारी नाखुश, वहीँ मंदिर व्यवस्था देख रहे ट्रस्ट ने इस पर चुप्पी साध रखा है. रामलला के माथे पर रत्नजडि़त चंदन का तिलक लगाये जाने को लेकर नाखुश पुजारी का कहना है कि रामलला को चंदन घिसकर माथे पर तिलक लगाने की परंपरा ज्यादा उचित है. पुजारी का कहना है कि पूजा-पाठ में किसी को भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. रामानंदीय पूजन परंपरा में चंदन-तिलक का खास महत्व होता है. चंदन भगवान की पूजा-श्रृंगार का मुख्य हिस्सा भी है. उधर इसको लेकर ट्रस्ट ने कुछ भी कहने से इंकार किया है. राममंदिर में विराजमान बालक रुपी राम की सेवा रामानंदीय पद्धति से किया जा रहा है और उनका श्रृंगार रोजाना सोने-चांदी से जड़ित आभूषणों से किया जा रहा है और माथे पर रत्नजडि़त चंदन का तिलक लगाया जा रहा है.