अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : निर्वाचन हेतु श्रमसाध्य कार्यों के लिए सरकार द्वारा मानदेय दिया जाना वैसे तो कोई नयी बात नहीं है. लेकिन विगत कई चुनावों में हुए भुगतान की स्थिति को देखते हुए योगी सरकार द्वारा दिनांक 05 सितम्बर 2024 को पत्रांक संख्या-08/2024/197/61-2024 द्वारा जारी शासनादेश की अधिकारियों/कर्मचारियों ने खूब सराहना की है. फ़िलहाल जारी शासनादेश में विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के श्रमसाध्य कार्यों के लिए एक माह का मूल वेतन के समतुल्य मानदेय की स्वीकृति प्रदान करने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अनुमति दे दी है.
इसके अनुसार विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के श्रमसाध्य कार्यों से जुड़े कार्मिकों तथा निर्वाचन अनुभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारियों/कर्मचारियों को उनकी वरिष्ठता एवं उनके द्वारा निर्वहन किये गये दायित्वों के अनुसार एक माह के मूल वेतन के समतुल्य मानदेय की कुल अनुमानित लागत रु 11,53,99,100-00 होगी. इसके तहत कवर होने वाले कार्मियों में समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी, समस्त रिटर्निंग अफसर, समस्त सहायक रिटर्निंग अफसर, विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के दौरान कार्यलय मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लखनऊ में कार्यरत समस्त नियमित अधिकारी व कर्मचारी, निर्वाचन अनुभाग के नियमित अधिकारी/कर्मचारी, अनु सचिव, निजी सचिव/अपर निजी सचिव (सचिव, निर्वाचन हेतु), निजी सचिव /अपर निजी सचिव (विशेष सचिव, निर्वाचन हेतु). अपर निजी सचिव (संयुक्त सचिव, निर्वाचन हेतु), अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी, कंप्यूटर सहायक (नियमित), वरिष्ठ अनुसेवक (नियमित), अनुसेवक नियमित. इसके अलावा जिलों के निर्वाचन कार्यालयों के समस्त नियमित अधिकारी /कर्मचारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रधान सहायक, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (नियमित), स्टेनो (नियमित), चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (नियमित) लाभान्वित होंगे.
बताते चलें कि सामान्य निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके श्रमसाध्य के लिए मानदेय दिए जाने की व्यवस्था पहले भी रही है. निर्वाचन कार्यों को देख रहे एक अधिकारी का कहना है कि पहले भी निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों को सरकार द्वारा 01 महीने का वेतन दिया जाता रहा है, कई बार तो 02 माह का वेतन दिया गया है. लेकिन विगत कुछ लोकसभा और विधानसभा चुनावों से इसमें बदलाव रहा है और यह भुगतान श्रमसाध्य की तुलना में केवल नाममात्र रहा है. जिसको की वर्तमान की योगी सरकार ने निर्वाचन से जुड़े लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है जोकि अत्यंत ही सराहनीय है. सरकार के इस आदेश का असर अब आगे के चुनावों में रहेगा.
लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन का कार्य देख चुके और इसके लिए राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पुरष्कृत हो चुके एक अफसर लिखते हैं कि “श्री नवदीप रिनवा, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन/मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के रूप में जिस गरिमा, मर्यादा एवं लोकतंत्र की व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाली प्रक्रिया के अंतर्गत जिस प्रकार से प्रदेश के सभी DEO एवं RO का मार्ग निर्देशन करते हुए लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 का निर्वाचन कराया है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है. और विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 के लिए श्रम साध्य कार्य करने वाले अधिकारियों के लिए मानदेय की स्वीकृत के लिए आपका विशेष आभार एवं सभी अधिकारियों की ओर से कोटि-कोटि धन्यवाद. साथ ही इस पुनीत कार्य की अनुमति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रति सभी अधिकारियों की ओर से कृतज्ञता के साथ निर्वाचन में कार्य करने वाले अधिकारियों के श्रमसाध्य कार्य करने की भावना को स्वीकार करते हुए मानदेय की स्वीकृत के लिए हृदय से धन्यवाद एवं भविष्य में उत्कृष्ट कार्य करने की प्रतिबद्धता का आश्वासन देते हैं. मानदेय की यह व्यवस्था कई निर्वाचन से अवरुद्ध थी. इसके पुनः संचालित/स्वीकृत प्रदान करने से अधिकारी और कर्मचारी अधिक तन्मयता से पारदर्शिता के साथ इसके लिए श्रमसाध्य करने को उत्सुक होंगे.
सरकार द्वारा जारी शासनादेश की प्रति देखें ……..