
#वित्त एवं लेखा संवर्ग में ग्रेड वेतन रु•6600 और ग्रेड वेतन रु•7600 के अधिकारियों के रिक्त पदों पर प्रोन्नति के लिए विभागीय चयन समिति के गठन का शासनादेश जारी हुआ.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : “अफसरनामा की खबर का असर”. वित्त एवं लेखा संवर्ग में ग्रेड वेतन रु•6600 और ग्रेड वेतन रु•7600 के अधिकारियों के रिक्त पदों पर प्रोन्नति के लिए विभागीय चयन समिति के गठन का शासनादेश जारी किया गया है. अफसरनामा ने 24 मार्च 2025 को “यूपी में निदेशक कोषागार पद पर नियमित तैनाती न हो पाने की क्या है वजह? अतिरिक्त चार्ज के रूप में फिर हुई तैनाती से उठ रहे सवाल” नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था. जिसका शासन द्वारा संज्ञान लेते हुए विभागीय चयन समिति का गठन कर शासनादेश जारी कर दिया गया है.

गौरतलब यह भी है कि उत्तर प्रदेश शासन का वित्त विभाग अपने मातहतों की नियमित तैनाती, पदोन्नतियां और स्थानांतरण सही समय से नहीं कर रहा था. ग्रेड वेतन 5400 से लेकर ग्रेड वेतन 8700 तक के पदों पर रिक्तियां बरकरार थी लेकिन पदोन्नतियों के लिए फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही थी. लेकिन सरकार के इस निर्णय से अब प्रमोशन के लिए प्रतीक्षारत अधिकारियों में आश जगी है.
सहायक लेखा अधिकारी से लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए पिछले दो वर्षों से डीपीसी ना हो पाने के कारण चयन वर्ष 2022-23 और 2023-24 की रिक्तियों के सापेक्ष 82 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही ठप थी. हालांकि मुख्य सचिव ने वर्ष 2024-25 की रिक्तियों को भी तत्काल भरे जाने के लिए पदोन्नति के कार्रवाई पूर्ण किए जाने के निर्देश पूर्व में ही दे दिए थे. लेकिन वित्त विभाग है कि अपने पुराने मिजाज के अनुसार ही काम कर रहा था. निचले स्तर पर सहायक लेखाकार और लेखाकार की कमी झेल रहे वित्त विभाग के मानव संसाधन में उच्च स्तर के अधिकारियों की नियमित तैनाती में विलंब भी चिंता का विषय रहा है.
“यूपी में निदेशक कोषागार पद पर नियमित तैनाती न हो पाने की क्या है वजह? अतिरिक्त चार्ज के रूप में फिर हुई तैनाती से उठ रहे सवाल” पढ़ें खबर…….
यूपी में निदेशक कोषागार पद पर नियमित तैनाती न हो पाने की क्या है वजह? अतिरिक्त चार्ज के रूप में फिर हुई तैनाती से उठ रहे सवाल
“शासनादेश को दरकिनार कर पदोन्नति में रोड़ा, वित्त लेखा सेवा संवर्ग के कर्मियों में हताशा” विवरण के लिए क्लिक करें……….
शासनादेश को दरकिनार कर पदोन्नति में रोड़ा, वित्त लेखा सेवा संवर्ग के कर्मियों में हताशा
