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योगी सरकार के सुशासन को ठेंगा दिखाते ये कमिश्नर साहब !

# भ्रष्टाचार और मनमानी के प्रतीक बने देवीपाटन कमिश्नर 

एएनब्यूरो 

गोंडा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन और भाजपा के संकल्प पत्र को ठेंगा दिखा रहे अफसरों पर अभी हाल ही में आरएसएस का रवैया काफी सख्त रहा था. संघ की नाराजगी की वजह देवीपाटन के कमिश्नर एसबीएस रंगाराव जैसे अफसर हैं. श्री रंगाराव पर भ्रष्टाचार, मनमानी और मातहतों का उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगा है. जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक पत्र के माध्यम से एक वकील ने किया और उचित  कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. शिकायतकर्ता जेके वर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि कमिश्नर एसबीएस रंगाराव मनमाने ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं.

एडवोकेट जे.के. वर्मा का मुख्यमंत्री को भेजा गया शिकायती पत्र

एडवोकेट द्वारा शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि देवीपाटन मंडल के अधीन आने वाले चारों जिलों में सौ एकड़ से अधिक की जमीन अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर ली गई है. इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराए जाने के आदेश के बाद भी कमिश्नर इसे खाली नहीं करा रहे हैं. पत्र के मुताबिक़ कमिश्नर के कोई एक्शन न लेने के चलते इस कब्जा की गई जमीन पर अवैध रूप से बहुमंजिली इमारतों का निर्माण कराया जा रहा है. बताते चलें कि सूबे में योगी सरकार बनने के बाद कब्जे की जमीन को खाली कराने की बात की गयी थी और सरकार के इस कदम को आम जनता द्वारा काफी सराहा भी गया था. लेकिन कनिश्नर साहब की उदासीनता के चलते सरकार के मंसूबों पर पानी फिर रहा है.

कमिश्नर का आवास जो कि खाली पडा है और आवार पशुओं की शरण-स्थली बना हुआ है. 

 

शिकायत में न्याय विभाग की जमीन पर कमिश्नर द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए जाने का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता जेके वर्मा के अनुसार कमिशनर के नए आवास का निर्माण दो साल पहले ही हो चुका है. इसके निर्माण पर करीब छह करोड़ रुपयों की लागता आई थी. शिकायतकर्ता के अनुसार इस बिल्डिंग का हैण्डओवर भी किया जा चुका है. लेकिन कमिश्नर अपने नव-निर्मित आवास में शिफ्ट जाने के बजाय अपने पुराने आवास के परिसर में निर्माण कराने पर लगे हुए हैं. वहीं नव-निर्मित आवास में छुट्टा और आवारा पशुओं का ठिकाना बना हुआ है. शिकायतकर्ता के अनुसार कमिश्नर आवास के ठीक बगल में डिस्ट्रिक्ट जज गोंडा साधना रानी सिंह ठाकुर का सरकारी आवास है.

कमिश्नर देवी-पाटन का वर्तमान आवास जिसकी बाउंड्री वाल देखकर फिजूलखर्ची का अंदाजा लगाया जा सकता है.

 

किसान कर्जमाफी जैसे भारी भरकम राशि जारी करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना था कि इसकी भरपाई हम खर्च में कटौती करके करेंगे. एक तरफ जहां जिला जज के आवास के जीर्णोद्वार के लिए प्रशासन को लिखे पत्र के जवाब में शासन का कहना है कि इसके लिए बजट नहीं है और इसके चलते जिला जज का सरकारी आवास वर्षों से रंगाई-पुताई की बाट जोह रहा है. वहीँ इसके विपरीत योगी के अफसर कमिश्नर एसबीएस रंगाराव पर आरोप है कि वे न्याय विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर बाउंड्रीवाल बनवाई है और इसके निर्माण पर करीब 50 लाख का अनावश्यक खर्च भी किया है. इस मामले में कमिश्नर पर आरोप है कि बाउंड्री वाल के निर्माण के नाम पर उन्होंने पीडब्लूडी, सिंचाई, आबकारी जैसे विभागों से जबरन वसूली कर 50 लाख रुपए खर्च किए. यही नहीं कमिश्नर रंगाराव पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने चलने के लिए सरकारी पैसे से दो-दो नई इनोवा गाड़ियां खरीदी हैं. इनमे से एक पर वे दिन में चलते हैं जबकि दूसरी इनोवा का प्रयोग रात में किया जाता है. शिकायतकर्ता ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्वतंत्र जांच करने की मांग की है.

तत्कालीन नायब तहसीलदार रत्नेश तिवारी पर बिना शासन के अनुमति के तहसीलदार पर दबाव डलवा कर एफआईआर 9/2018 दर्ज कराई गई. नायब तहसीलदार इस समय गोरखपुर में तैनात बताए जा रहे हैं. आरोप यह है कि कमिशनर का मानना है कि नायब तहसीलदार ने फर्जीवाड़ा किया है. लेकिन इस मामले में बिना जांच करवाए ही कमिश्नर ने एफआईआर करवा दी. इस मामले में कमिश्नर ने पहले एसडीएम सदर पर दबाव डाला लेकिन उनके मना करने पर तहसीलदार पर मुकदमा करने की धमकी दी गई, जिसके बाद नायब तहसीलदार पर मुकदमा दर्ज किया गया.

इसी तरह नगर-निकाय चुनाव के समय कमिश्नर साहब की भृकुटियां एडीएम गोंडा रत्नाकार मिश्रा पर तन गईं और उन्होंने उनको जबरन एडवर्स एंट्री दे दी. जबकि इस मामले में पहले शासन और चुनाव आयोग से शिकायत की जानी थी और शासन इस मामले में डीएम गोंडा एडीएम के खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश देता.

यही नहीं कमिश्नर के तानाशाही रवैये के चलते देवीपाटन मंडल के चारों जिलों के बड़े-छोटे अफसर परेशान हैं. कमिश्नर पर आरोप है कि वे आंबेडकरवादी होने के चलते सवर्ण अधिकारियों को जानबूझकर प्रताड़ित करते हैं गोंडा नगर पालिका में कार्यों की जांच के नाम पर ईओ को नाजायज तरीके से प्रताड़ित किया गया. इस मामले में गोंडा के कई निर्वाचित जन-प्रतिनिधि मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कमिश्नर की कारगुजारियों से अवगत करा चुके हैं. उनका कहना है कि कमिश्नर का मनमाना रवैया और कार्यप्रणाली बीजेपी के सुशासन के उद्देश्य के सरासर खिलाफ है और उसमें बाधा बन रही है.

 

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