अमर सिंह के विवाद के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए आईएएस देवेन्द्र चौधरी की अचानक वापसी से अफसरशाही में हलचल.
एएन ब्यूरो
लखनऊ : संघ और सरकार की बैठक में संघ की अफसरों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी के बाद केंद्र सरकार द्वारा यूपी कैडर 1981 बैच के आईएएस देवेन्द्र कुमार चौधरी को रिटायरमेंट के पांच महीने पहले मूल कैडर में वापस भेज कर सूबे की अफसरशाही में हलचल पैदा कर दी है. सूबे के मुख्य सचिव के बैच के इस अफसर की अचानक वापसी से अफसरों में नयी गुना गणित की चर्चा ने जन्म ले लिया है. करीब एक दशक पहले मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में देवेन्द्र सिंह सूबे में निदेशक इंडस्ट्रीज के पद पर तैनात थे तब वह मुलायम सिंह के करीबी रहे अमर सिंह से हुए एक विवाद के बाद लम्बी छुट्टी पर चले गए और उसके बाद केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए.
लम्बे समय से केंद्रीय सेवा में रहे अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले देंवेंद्र कुमार की अचानक यूपी में वापसी को लेकर सियासत और अफसरशाही में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सियासी दुनिया में देवेन्द्र कुमार की सूबे में वापसी और कुछ महत्वपूर्ण पद पर तैनाती की संभावना जताई जा रही है और आशय लगाये जा रहे हैं कि यह बीजेपी के दलित एजेंडे का एक हिस्सा है. दूसरी तरफ अफसरशाही में अब इन की तैनाती को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. फिलहाल सूबे के मुख्य सचिव के बाद वरिष्ठता में दूसरा नम्बर रखने वाले उसी बैच के देवेन्द्र चौधरी की वापसी के बाद चर्चा है कि मुख्य सचिव राजीव कुमार को केंद्र में वापस जा सकते हैं. लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि फिलहाल इसकी संभावना कम है. कारण साफ़ है कि अब इनका कार्यकाल केवल चार माह ही बचा है.
संभावना यह भी जताई जा रही है कि श्री चौधरी की वरिष्ठता को देखते हुए उनको कृषि उत्पादन आयुक्त या अन्य कोई बराबर का पद दिया जा सकता है. फिलहाल 1983 बैच के कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह के पास बेसिक शिक्षा और भूतत्व खनिकर्म जैसे अहम् महकमे भी हैं जिसके चलते उनके कृषि उत्पादन आयुक्त बनाये जाने की संभावना ज्यादा है. यह उसी प्रकार का प्रयोग होगा जोकि पिछली सरकार में जावेद उस्मानी के मुख्य सचिव बनने के बाद उनके समकक्ष बैच के आलोक रंजन को कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया गया था. चर्चा यह भी है कि जुगाड़ से यूपीए की केंद्र सरकार में ठीक पोजीशन में रहने वाले श्री चौधरी बीजेपी सरकार में साईड लाइन चल रहे थे और अब वे चार महीने बाद अपने रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी कुर्सी की तलाश में हैं.
हालांकि पिछले दिनों केंद्रीय सर्विस में जून में रिक्त हो रहे कैबिनेट सचिव के पद पर जाने को लेकर भी चर्चा थी लेकिन इस पद के लिए 1981 बैच के राजीव कुमार के अलावा इसी बैच के एक गुजरात कैडर के आईएएस अफसर और यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1981 बैच के अनिल स्वरुप का नाम शामिल है. यूपी कैडर के अनिल व राजीव के रिटायरमेंट को देखते हुए गुजरात कैडर के अढ़िया का दावा इस पद के लिए मजबूत दिख रहा है. अनिल स्वरुप और राजीव कुमार जून में रिटायर हो रहे है जबकि अढ़िया का रिटायरमेंट सितंबर में है.