अफसरनामा ब्यूरो
दिल्ली : पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को सहयोग किये जाने को लेकर पैरिस में फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने एक कड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने का फैसला लिया है. ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है. एफएटीएफ के इस फैसले से अब पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं और बैंकों को बिजनेस करने में दिक्कतें आएँगी जिसके चलते पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का शिकार होगा. इसके पहले पाकिस्तान ने चीन को अपने पक्ष में बता रहा था लेकिन बाद में चीन ने अपनी आपत्तियां वापस ले लीं. ऐसे में एफएटीएफ के इस सख्त कदम से आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत और खस्ता होने के पूरे आसार हैं. जानकारों के अनुसार इस पर फैसला लिया जा चुका है बस आधिकारिक घोषणा होना ही बाकी है.
बता दें कि पाकिस्तान ने मंगलवार को दावा किया था कि FAFT की मीटिंग में उसे तीन महीनों की मोहलत दिए जाने का फैसला हुआ है, लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान के इस दावे पर उस वक्त सवाल खड़े हो गए थे जब अमेरिकी मीडिया के हवाले से यह खबर सामने आई कि आखिरी फैसला होना अभी बाकी है. अमेरिका का साफ कहना है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को फंडिंग रोकने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने के लिए उचित कदम नहीं उठाया है.
बता दें कि FATF एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विभिन्न देशों के बीच मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे मामलों को देखता है। पाकिस्तान को इसके पहले साल 2012 से 2015 तक इस लिस्ट में डाला गया था। पाकिस्तान को अहसास था कि इस बार भी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है, इसलिए उसने पिछले दिनों जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई का नाटक किया था।